अमेरिकी खुफ़िया एजेंसी CIA ने शनिवार को कोविड महामारी के फैलने पर एक नया आकलन जारी किया है. इस आकलन के मुताबिक, कोरोना वायरस के जानवरों से फैलने की बजाय चीनी प्रयोगशाला से लीक होने की “ज़्यादा आशंका” जताई गई है. हालांकि, सीआईए ने साफ किया है कि उसे इस निष्कर्ष पर “कम भरोसा” था और यह आकलन पर्याप्त प्रमाणों पर आधारित नहीं है.
चीन ने खारिज किया लैब लीक का दावा
CIA के प्रवक्ता ने कहा कि उपलब्ध रिपोर्टों के आधार पर महामारी के प्राकृतिक उत्पत्ति की तुलना में “रिसर्च के दौरान फैलने” की संभावना अधिक प्रतीत होती है. चीन पहले ही लैब लीक के दावों को खारिज कर चुका है और इसे राजनीतिक कारणों से फैलाया गया दावा करार दे चुका है.
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सीआईए के नए निदेशक जॉन रैटक्लिफ का क्या है मानना
यह आकलन CIA के नए निदेशक जॉन रैटक्लिफ के पहले निर्णय के रूप में जारी किया गया है. रैटक्लिफ, जो ट्रंप प्रशासन के दौरान राष्ट्रीय खुफिया निदेशक रहे, पहले भी लैब लीक सिद्धांत का समर्थन करते रहे हैं. उनका कहना है कि कोविड वायरस संभवतः वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक हुआ था, जो ह्यूनान वेट मार्केट से करीब 40 मिनट की दूरी पर स्थित है, जहां पहला संक्रमण समूह रूप में पाया गया था.
हालांकि अधिकारियों ने अमेरिकी मीडिया को बताया कि यह समीक्षा नई खुफिया जानकारी पर आधारित नहीं है और यह ट्रंप प्रशासन से पहले का मूल्यांकन है. सीआईए ने इसे “कम यकीन” पर आधारित कहा है, यानी इसके समर्थन में पर्याप्त, निर्णायक जानकारी मौजूद नहीं है.
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डब्लूएचओ ने क्या कहा था
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 के स्रोत के बारे में अपनी जांच रिपोर्ट में वायरस के जानवरों से फैलने की संभावना को प्रमुख माना था, लेकिन प्रयोगशाला से फैलने की संभावना को कम बताया था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए और जांच की आवश्यकता है.
इसके बावजूद, CIA के आकलन ने लैब लीक सिद्धांत को फिर से प्रमुखता दी है, और यह एक ऐसे मुद्दे के रूप में उभरा है जिस पर विभिन्न देशों और वैज्ञानिक समुदायों के बीच गहरे मतभेद बने हुए हैं. एफ़बीआई के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने 2023 में यह भी कहा था कि उनके ब्यूरो के आकलन के मुताबिक महामारी की उत्पत्ति “संभवतः एक प्रयोगशाला से हुई थी.”
हालांकि, चीन ने बार-बार इन दावों का खंडन किया है और इसे राजनीतिक उद्देश्यों के तहत फैलाए गए बयानों के रूप में देखा है. इस विवाद के बीच यह सवाल बना हुआ है कि कोविड-19 महामारी के स्रोत का वास्तविक सत्य क्या है और क्या यह कभी पूरी तरह से साबित हो पाएगा.