मेटा, जो फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसी प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों का संचालन करती है. वही अब भारत में ‘इंस्टाग्राम टीन अकाउंट्स’ नामक एक नया फीचर लॉन्च करने की घोषणा की है. इस फीचर के जरिए माता-पिता अपने किशोर बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रख सकेंगे.
मेटा का यह कदम किशोरों को ऑनलाइन खतरों से सुरक्षित रखने और माता-पिता को डिजिटल निगरानी के अधिकार देने के लिए उठाया गया है.
किशोरों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया गया फीचर
यह फीचर विशेष रूप से उन किशोरों के लिए विकसित किया गया है जो सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं. इसका उद्देश्य नुकसानदायक कंटेंट को सीमित करना और अनचाही मैसेजिंग को रोकना है.
इंस्टाग्राम पर टीन अकाउंट्स को ऑटोमेटिक रूप से उच्च सुरक्षा सेटिंग्स पर रखा जाएगा. यह न केवल किशोरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा बल्कि माता-पिता को भी उनके ऑनलाइन व्यवहार पर अधिक नियंत्रण रखने का अवसर देगा.
आयु सत्यापन की सख्त प्रक्रिया होगी लागू
मेटा ने यह भी बताया कि वह उन तरीकों को मजबूत कर रही है जिनसे उपयोगकर्ताओं की उम्र की पुष्टि की जा सके. यह इसलिए आवश्यक है क्योंकि कुछ लोग गलत उम्र दर्ज कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं. इस समस्या से निपटने के लिए अतिरिक्त वेरिफिकेशन प्रक्रिया लागू की जाएगी.
इस घोषणा का समय भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में भारत सरकार ने डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण नियमों का मसौदा जारी किया था. इसमें यह प्रस्ताव दिया गया है कि ऑनलाइन या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नाबालिगों के अकाउंट बनाने के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य होनी चाहिए .
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माता-पिता को मिलेगा अधिक नियंत्रण और निगरानी का अधिकार
इस नए फीचर के तहत माता-पिता 16 साल से कम उम्र के किशोरों के इंस्टाग्राम अकाउंट में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों को अपनी मंजूरी के बिना होने से रोक सकते हैं. माता-पिता को निम्नलिखित विशेष सुविधाएं मिलेंगी-
निगरानी एवं अनुमोदन – माता-पिता यह तय कर सकेंगे कि उनके बच्चे कौन से बदलाव अपने अकाउंट में कर सकते हैं और कौन से नहीं.
संपर्कों की निगरानी – हाल ही में जुड़े गए नए संपर्कों पर नजर रखी जा सकेगी जिससे माता-पिता यह देख सकें कि उनका बच्चा किन लोगों से बातचीत कर रहा है.
स्क्रीन टाइम नियंत्रण – माता-पिता यह तय कर सकते हैं कि उनका बच्चा प्रतिदिन कितने समय तक इंस्टाग्राम का उपयोग करेगा.
एप प्रतिबंधित करने का विकल्प- माता-पिता अपने बच्चों को कुछ खास समय के लिए ऐप का उपयोग करने से रोक सकते हैं.
यह फीचर विशेष रूप से माता-पिता की उन चिंताओं को दूर करने का प्रयास करेगा जो उनके बच्चों के ऑनलाइन व्यवहार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बिताए गए समय से जुड़ी होती हैं.
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डिफ़ॉल्ट रूप से प्राइवेट अकाउंट मिलेगा 16 साल से कम उम्र के किशोरों को
मेटा ने यह भी घोषणा की है कि अब 16 साल से कम उम्र के किशोरों के लिए इंस्टाग्राम अकाउंट स्वचालित रूप से प्राइवेट रहेगा. इसका मतलब यह होगा कि-
कोई भी अजनबी बिना अनुमति के किशोरों को फॉलो नहीं कर सकेगा.
उनके द्वारा साझा किया गया कंटेंट केवल उनके स्वीकृत फॉलोअर्स ही देख सकेंगे.
यह सेटिंग किशोरों को सोशल मीडिया पर संभावित जोखिमों से बचाने में मदद करेगी.
टीन अकाउंट्स के लिए सख्त सेफ्टी मोड होगा लागू
मेटा ने किशोरों के अकाउंट्स को सख्त सेफ्टी मोड में रखने का निर्णय लिया है जिससे हिंसक और आपत्तिजनक कंटेंट उनकी रील्स में न दिखें. इस नए सुरक्षा प्रावधान के तहत-
हानिकारक और संवेदनशील कंटेंट को किशोरों के फ़ीड और रील्स में दिखने से रोका जाएगा.
“हिडन वर्ड्स” फीचर स्वचालित रूप से ऑन रहेगा जिससे अनुचित और आपत्तिजनक भाषा को फ़िल्टर किया जा सकेगा.
टीन अकाउंट्स को ऐसे सुझावों से दूर रखा जाएगा जो उन्हें गलत प्रकार की सामग्री की ओर आकर्षित कर सकते हैं.
स्क्रीन टाइम लिमिट और स्लीप मोड फीचर
मेटा किशोरों के स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय कर रहा है. इनमें शामिल हैं-
स्क्रीन टाइम नोटिफिकेशन – किशोरों को हर दिन 60 मिनट के उपयोग के बाद एक नोटिफिकेशन मिलेगा जिसमें उन्हें बताया जाएगा कि उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक घंटा बिता लिया है. यह सुविधा किशोरों को डिजिटल संतुलन बनाए रखने में मदद करेगी.
स्लीप मोड – रात 10 बजे से सुबह 7 बजे तक ‘स्लीप मोड’ सक्रिय रहेगा जिससे इस दौरान कोई भी नोटिफिकेशन प्राप्त नहीं होगा और किशोरों की नींद प्रभावित नहीं होगी.
मेटा का यह कदम कितना प्रभावी साबित होगा?
मेटा द्वारा घोषित यह फीचर किशोरों की ऑनलाइन सुरक्षा को मजबूत करने और माता-पिता को डिजिटल निगरानी के अधिक अधिकार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. हालांकि इस फीचर के कार्यान्वयन और प्रभावशीलता का सही मूल्यांकन समय के साथ ही किया जा सकेगा.