अक्षय तृतीया के आने से चमके व्यापारियों के चेहरे, लगी ग्राहकों की भीड़

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नोटबंदी के बाद देश में नगदी प्रवाह सामान्य होने के बाद देश भर में अक्षय तृतीया के अवसर पर आभूषणों की दुकानों पर शुक्रवार को लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। पी.सी. ज्वेलर्स के प्रंबंध निदेशक बलराम गर्ग ने कहा, “हम अपनी दुकानों पर अच्छी भीड़ देख रहे हैं। नोटबंदी के बाद पिछले दो महीनों से लोगों ने फिर से सोने की खरीददारी शुरू कर दी है। हम आशा करते हैं कि इस अक्षय तृतीया को खरीददारी पिछले साल के मुकाबले कीमतें समान होने के बावजूद 40 प्रतिशत बढ़ेगी।”

राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने की कीमत 29,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास रही। अक्षय तृतीया हिंदुओं और जैनों के लिए पवित्र दिन है और इसे अच्छी किस्मत और सफलता लाने वाला माना जाता है। इस शुभ दिन को सोने के आभूषणों को खरीदकर घर लाया जाता है।

अक्षय तृतीया पर सोने की भारी बिक्री मुंबई के आभूषणकर्ताओं के लिए भी मुस्कान लेकर आई है। शुक्रवार सुबह से ही खुदरा दुकानों पर लोगों की भारी भीड़ इस प्रचलित त्योहार को मनाने के लिए देखी गई। ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलर्स फेडरेशन के अध्यक्ष नितिन खंडेलवाल ने कहा कि सोने को खरीदने का चलन मार्च में गुडी पड़वा से शुरू होता है और लगातार इस शादी के सीजन तक चलता रहता है।

खंडेलवाल ने कहा, “यहां सभी आभूषणों की दुकानों पर भारी भीड़ है और 75 प्रतिशत से ज्यादा लोग सोने के बड़े और छोटे आभूषण खरीद रहे हैं।” मुंबई ज्वैलर्स फेडरेशन के अध्यक्ष राकेश शेट्टी ने कहा कि भीड़ का होना खासकर उपनगरों में अच्छा है और सोने की बिक्री गुडी पाड़वा के दौरान हुई बिक्री से ज्यादा हो सकती है।

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शेट्टी ने  कहा, “आज, मुंबई में 10 ग्राम सोने की कीमत 29,300 रुपये है और पिछले कुछ हफ्तों से यह कीमत नीचे आ रही है। यह ग्राहकों को उत्साहित करता है। और वे आभूषण और सिक्के दोनों खरीद रहे हैं।”

कोलकाता में इंडिया बुल्यन एंड ज्वैलर्स एसोशिएशन के प्रवक्ता पंकज पारेख ने आईएएनएस से कहा, “आभूषण कारोबारी सोने और चांदी की मांग में 20 प्रतिशत वृद्धि की आशा कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि सोने की कीमत अंतर्राष्ट्रीय परेशानी से फिर से ऊपर उठ सकती हैं। इसलिए अक्षय तृतीया को सोना खरीदने का सही मौका माना जा रहा है।

वहीं पिछले साल के अक्षय तृतीया की तुलना में इस बार सोने की कीमत कम है। 2016 में पीली धातु की कीमत 30,000 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। पारेख ने कहा, “इसी प्रकार चांदी की कीमत 40,000 से 42,000 रुपये प्रति किलोग्राम है, जो पिछले बार के मुकाबले कम है।”

बेंगलुरू भी इसका कोई अपवाद नहीं है। जहां कुछ लोग अच्छी डिजाइनों की सोने की अंगूठी खरीद रहे हैं तो कुछ आभूषणों में रुपये खर्च कर रहे हैं। बेंगलूरू के कुछ आभूषण कारोबारी मानते हैं कि नोटबंदी और नगद भुगतान के बंधन के कारण सोने के आभूषणों और अन्य धातुओं के आभूषणों की बिक्री पर प्रभाव पड़ सकता है।

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