लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने एक बार फिर भाई चारा कमेटी गठित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. बता दें कि प्रक्रिया के पहले चरण में एससी, एसटी, ओबीसी के साथ जोड़ा जा रहा है. आगे चलकर ब्राह्मण के साथ अन्य जातियों को जोड़ा जाएगा. जिला स्तर पर गठित होने वाली भाईचारा कमेटियां बनाई जाएंगी.
2007 में बनी थी कमेटी…
बता दें कि इससे पहले बसपा ने 2007 में भाईचारा कमेटी बनाई थी. जिसमें हर जाति को शामिल किया गया था. यह कमेटियां जिला और मंडल स्तर पर थी लेकिन बाद में इसे भंग कर दिया गया था. उसके बाद अब एक बार फिर कमेटी बनाई गई है. अब OBC और SC को लेकर जिला कमेटी बनाई गई है.
25 मार्च को मीटिंग करेंगी मायावती…
इन भाईचारा कमेटी में पहले ओबीसी और एससी को मिलकर दो जिला संयोजक बनाए गए हैं जो पिछड़ा भाईचारा संगठन के संयोजक होंगे और ओबीसी समाज को जोड़ेंगे और मिलकर इन जातियों के लिए काम करेंगें. इसके लिए मायावती 25 मार्च को बैठक कर निर्देश देंगी.
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मायावती ने 25 मार्च को प्रदेश पदाधिकारियों की अहम बैठक बुलाई है, जिसमें मंडलीय कोऑर्डिनेटर, जिलाध्यक्षों के साथ भाईचारा कमेटी में शामिल होने वालों को बुलाया गया है. इस बैठक में संगठन विस्तार को विशेष दिशा-निर्देश दिए जाएंगे. साथ ही भाईचारा कमेटी में शामिल होने वालों की भूमिका तय की जाएगी.
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2007 में मिली थी सफलता, 2012 के बाद बंद हो गई थी प्रक्रिया
भाईचारा कमेटियां बसपा के लिए विधानसभा चुनाव 2007 में काफी प्रभावी साबित हुई थीं. इन कमेटियों की बदौलत बसपा को बड़ी जीत मिली थी. हालांकि, 2012 के चुनावों में खराब परिणाम के बाद इन्हें भंग कर दिया गया था. अब 13 साल बाद इनका गठन दोबारा शुरू किया गया है.