मणिपुर में जातीय हिंसा का दौर जल्द खत्म होगा: जस्टिस बीआर गवई

मणिपुर में जातीय हिंसा का दौर जल्द खत्म होगा: जस्टिस बीआर गवई

मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष और हिंसा की स्थिति का जायजा लेने के लिए 22 मार्च 2025 को सुप्रीम कोर्ट के पाँच जजों का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल राज्य के दौरे पर पहुँचा. इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जस्टिस बीआर गवई ने किया, उनके साथ जस्टिस विक्रम नाथ, एम.एम. सुंदरेश, के.वी. विश्वनाथन और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह शामिल थे.

मई 2023 से जारी है जातीय हिंसा

मणिपुर में इंफाल घाटी में स्थित मैतेई समुदाय और पहाड़ी क्षेत्रों में बसे कुकी-जो समुदाय के बीच मई 2023 से जातीय हिंसा जारी है. इस संघर्ष में 250 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. बढ़ते तनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के पांच दिन बाद, 13 फरवरी 2025 को, केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था.

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राहत शिविरों का दौरा, विस्थापितों से की बातचीत

सुप्रीम कोर्ट के जजों ने चूड़चंदपुर जिले में राहत शिविरों का दौरा किया और हिंसा से विस्थापित लोगों से मुलाकात की. उन्होंने न केवल उनकी समस्याएँ सुनीं, बल्कि कानूनी सहायता और पुनर्वास के प्रयासों को मजबूत करने का आश्वासन भी दिया.

कानूनी और चिकित्सा सहायता शिविरों का उद्घाटन

इस दौरे के दौरान, चूड़चंदपुर के लामका इलाके में स्थित मिनी सचिवालय से सुप्रीम कोर्ट के जजों ने एक कानूनी सेवा शिविर, एक चिकित्सा शिविर और एक कानूनी सहायता क्लिनिक का वर्चुअल उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम में मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डी. कृष्णकुमार और जस्टिस गोलमेई गैफुलशिलू भी शामिल हुए.

प्रतिनिधिमंडल के इकलौते मैतेई जज, जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह, चूड़चंदपुर नहीं गए क्योंकि वहाँ के स्थानीय वकीलों के एक संगठन ने उनके दौरे पर आपत्ति जताई थी. इसके चलते उन्होंने अपनी यात्रा बिष्णुपुर जिले में समाप्त की.

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संविधान पर भरोसा रखें, जल्द लौटेगी शांति: जस्टिस गवई

सभा को संबोधित करते हुए जस्टिस बीआर गवई ने कहा,
“हमारा देश विविधता में एकता का सच्चा उदाहरण है. भारत हम सभी का घर है. हम जानते हैं कि आप सभी एक कठिन दौर से गुज़र रहे हैं, लेकिन कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के सहयोग से यह मुश्किल समय जल्द ही समाप्त हो जाएगा.”
उन्होंने आगे कहा,
हमारा संविधान एक महान दस्तावेज है. जब हम अपने देश की तुलना अपने पड़ोसी देशों से करते हैं, तो हमें एहसास होता है कि हमारे संविधान ने हमें एकजुट और मजबूत रखा है. इस पर विश्वास बनाए रखें. एक दिन मणिपुर में पूरी तरह से शांति लौटेगी और यह राज्य भी देश के अन्य हिस्सों की तरह समृद्ध होगा.

शांति बहाली के लिए न्यायपालिका का योगदान

मणिपुर में हिंसा के चलते कई कानूनी चुनौतियाँ सामने आई हैं, जिनमें मानवाधिकारों का उल्लंघन, पुनर्वास, और कानून-व्यवस्था बनाए रखने से जुड़ी समस्याएँ शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट के इस दौरे को संविधान और न्यायपालिका में लोगों के विश्वास को मजबूत करने के एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है.