साल 2001 में एक फिल्म आई थी जिसका नाम था नायक। फिल्म में मुख्य किरदार में अनिल कपूर थे और विलेन का रोल कर रहे थे बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार अमरेश पुरी। इस फिल्म में अनिल कपूर को 24 घंटे का सीएम (CM) बनने का मौका मिलता है। कुछ ऐसी ही कहानी पिछले दिनों कर्नाटक में देखने को मिली। कर्नाटक के चुनाव में ऐसा सियासी उठापटक शुरु हुआ जिसपर पूरी देश की निगाहें टिकी हुई थीं।
सबसे कम समय 55 घंटे तक के सीएम रहे
मालूम हो कि भाजपा की तरफ से सीएम की दावेदारी कर रहे येदियुरप्पा को सीएम बनने का मौका मिला। लेकिन बहुमत न होने की वजह से उनको दो दिन में ही सीएम की कुर्सी से इस्तीफा देना पड़ा। येदुरिप्पा अब तक के सबसे कम समय 55 घंटे तक के सीएम रहे। बीएस येदियुरप्पा का कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर इस बार कार्यकाल मात्र दो दिन का रहा।
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येदियुरप्पा भारतीय इतिहास में सबसे कम दिन के लिए सीएम रहने वाले राजनेताओं की सूची में शामिल हो गए हैं। इससे पहले सबसे कम दिन के सीएम रहने का रिकॉर्ड जगदंबिका पाल के नाम पर था। 75 वर्षीय भाजपा नेता येदियुरप्पा ने 17 मई को सुबह करीब 9 बजे शपथ ग्रहण की थी और 19 मई को शाम करीब 4.05 बजे इस्तीफे का एलान कर दिया।
विधायकों के साथ 93 सदस्यीय मंत्रिमंडल बनाया था
हालांकि यह वाकया उनके साथ दूसरी बार हुआ है। आज हम आपको देश के उन मुख्यमंत्रियों के बारे में बतायेंगे जो सबसे कम समय तक मुख्यमंत्री के पद पर रहे हैं। जिसमें भाजपा से मौजूदा समय में सांसद जगदंबिका पाल 1998 में मात्र एक दिन के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम रहे थे। उस समय जगदम्बिका पाल कांग्रेस में थे। 21-22 फरवरी 1998 की रात यूपी के गवर्नर रोमेश भंडारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की। लेकिन केंद्र ने इसे ठुकरा दिया। बीजेपी के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने अन्य दलों के विधायकों के साथ 93 सदस्यीय मंत्रिमंडल बनाया था। लेकिन अन्य राजनीतिक दलों ने इसका विरोध किया और सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया।
पांच दिनों के लिए बिहार का कार्यवाहक सीएम नियुक्त किया गया था
भंडारी ने बाहरी लोगों को कैबिनेट में शामिल करने पर ऐतराज जताया था और सरकार को बर्खास्त करने का फैसला किया। इसके बाद उन्होंने जगदम्बिका पाल को सरकार बनाने का न्योता दिया। लेकिन उनकी सरकार एक दिन भी नहीं टिक पाई। पाल ने सीएम पद छोड़ने का फैसला किया और कल्याण सिंह को फिर मुख्यमंत्री के तौर पर स्वीकार कर लिया। इनके अलावा सतीश प्रसाद सिंह भी इस श्रेणी में शामिल हैं। 1968 में मात्र पांच दिनों के लिए बिहार का कार्यवाहक सीएम नियुक्त किया गया था। उन्होंने जन क्रांति दल सरकार को हराकर सत्ता में कांग्रेस को वापस लाए थे।
1998 में केवल 13 दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने थे
उनके उत्तराधिकारी बीपी मंडल भी मात्र 31 दिन ही मुख्यमंत्री पद पर रहे थे। इसी तरह से हरियाणा में ओम प्रकाश चौटाला 1990 में पांच दिन और 1991 में मात्र 14 दिन के लिए सीएम रहे थे। मेघालय में वरिष्ठ कांग्रेस नेता एससी मारक 1998 में केवल 13 दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने थे।इनके अलावा रवि नायक 1994 में 6 दिन के सीएम रहे थे।
उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरी्श रावत भी साल 2016 में एक दिन के सीएम रह चुके हैं। 23 दिनों के लिए सीएम बनी थीं जानकी रामचंद्रन अन्नाद्रमुक के संस्थापक एमजी रामचंद्रन के निधन के बाद उनकी पत्नी जानकी रामचंद्रन जनवरी 1988 में मात्र 23 दिनों के लिए सीएम बनी थीं। केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता सीएच मोहम्मद कोया 1979 में 45 दिन के लिए मुख्यमंत्री रहे थे। वह राज्य के इकलौते सबसे कम समय तक सीएम रहने वाले और एकमात्र मुस्लिम शख्स थे।
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