वाराणसी में हलाल उत्पाद के कारोबारियों की शुरू हुई जांच, मची खलबली
शहर के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर होता है कारोबार
हलाल के नाम पर मजहब की आड़ लेकर एक वर्ग विशेष में अनर्गल प्रचार-प्रसार कर अवैध कमाई का जरिया बनाने पर योगी सरकार की रोक के बाद वाराणसी जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है. यहां खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन की पांच टीमें हलाल प्रमाणित उत्पादों की जांच कर रही हैं. इस कार्रवाई से हलाल प्रमाण पत्र वाले उत्पाद बेचने वाले व्यवायायियों में खलबली मची है.
14 सौ उत्पादों की बिक्री
बता दें कि वाराणसी के साथ ही पूर्वांचल में सालाना सवा सौ करोड़ का कारोबार होता है और 1400 हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री की जाती है. इन उत्पादों में कास्मेटिक, खाद्य व पेय पदार्थ, आइसक्रीम समेत अन्य सामान शामिल हैं. शासन के निर्देश पर अब इसकी बिक्री, उत्पादन और भंडारण को रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग ने जांच शुरू कर दी है. शहर के हड़हासराय, दालमंडी, नई सड़क, औरंगाबाद, चौक, सिगरा, पीलीकोठी आदि क्षेत्रों में हलाल प्रमाणित उत्पादों का बड़ा कारोबार होता है.
हड़हासराय, दालमंडी और लल्लापुरा से हलाल प्रमाण पत्र वाले उत्पाद पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में बेचे जाते हैं. खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय सिंह के अनुसार हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री और भंडारण रोकने की कार्रवाई की जा रही है. इसके लिए पांच टीमें गठित की गई हैं. शहर के माल, कांप्लेक्स, पर्यटन स्थलों का निरीक्षण किया जा रहा है. दुकानदारों को हिदायत दी गई है कि हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री न करें. वैसे सरकार के निर्णय लेते ही हालात उत्पाद का कारोबार करनेवालों ने जांच के डर से सामान को अंडरग्राउंड कर लिया था.
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दर्ज है रिपोर्ट
गौरतलब है कि हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री पर रोक के आदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बताया गया था कि चेन्नई स्थित हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली के जमीयत उलमा हिन्द हलाल ट्रस्ट, मुंबई के हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया, मुंबई स्थित जमीयत उलमा महाराष्ट्र के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।