ICMR : नई रिपोर्ट में इशारा, शुरू हो गया कोरोना का तीसरा स्टेज!

ICMR ने कोरोना वायरस को लेकर रैंडम सैंपलिंग के जरिए जांच शुरू की थी

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कुछ हफ्ते पहले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने अब जो रिपोर्ट दी है उससे इस बात की ओर इशारा मिला है कि देश में मौजूद कुछ क्लस्टरों में कम्यूनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है।

चार चरणों में फैलता है कोरोना

ICMR के अनुसार कोरोना वायरस फैलने के चार चरण हैं।

पहले चरण में वे लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए जो दूसरे देश से संक्रमित होकर भारत में आए।

यह स्टेज भारत पार कर चुका है क्योंकि ऐसे लोगों से भारत में स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैल चुका है।

दूसरे चरण में स्थानीय स्तर पर संक्रमण

दूसरे चरण में स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैलता है, लेकिन ये वे लोग होते हैं जो किसी न किसी ऐसे संक्रमित शख़्स के संपर्क में आए जो विदेश यात्रा करके लौटे थे।

तीसरा थोड़ा ख़तरनाक स्तर

तीसरा और थोड़ा ख़तरनाक स्तर है ‘कम्युनिटी ट्रांसमिशन’ का, जिसे लेकर भारत सरकार चिंतित है।

कम्युनिटी ट्रांसमिशन तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी ज्ञात संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना या वायरस से संक्रमित देश की यात्रा किए बिना ही इसका शिकार हो जाता है।

और चौथा चरण होता है, जब संक्रमण स्थानीय स्तर पर महामारी का रूप ले लेता है।

रैंडम सैंपलिंग के जरिए जांच शुरू

कुछ हफ्ते पहले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कोरोना वायरस को लेकर रैंडम सैंपलिंग के जरिए जांच शुरू की थी। मकसद था यह पता करना कि कहीं कोरोना वायरस कम्यूनिटी ट्रांसमिशन यानी सामुदायिक स्तर पर संक्रमित तो नहीं कर रहा है।

Severe acute respiratory infections

जिन राज्यों में 1 फीसदी से ज्यादा Severe acute respiratory infections यानी SARI केस हैं, वो हैं- गुजरात 792 में से 13 केस यानी 1.6%, तमिलनाडु के 577 में से 5 केस यानी 0.9%, महाराष्ट्र में 553 में से 21 केस यानी 3.8% और केरल के 502 में से 1 केस यानी 0.2 फीसदी।

ICMR की रिपोर्ट इस बात की सलाह देती है कि इन राज्यों और जिलों पर सरकार को सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। कोरोना वायरस के बढ़ते हुए मामलों को ध्यान में रखते हुए इन जिलों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखना चाहिए।

SARI टेस्ट करना जरूरी

14 मार्च को आई ICMR की पहली रिपोर्ट में कहा गया था कि उस समय जितने भी लोगों की कोरोना जांच की गई थी, उसमें कोई Severe acute respiratory infections यानी SARI टेस्ट में प़ॉजिटिव नहीं आया था। लेकिन जब ये प़ॉलिसी बनाई गई कि SARI टेस्ट करना जरूरी है। उसके बाद 15 मार्च से 21 मार्च के बीच जांचे गए 106 मरीजों में से 2 ही पॉजिटिव मिले थे।
22 मार्च से 28 मार्च के बीच जांचे गए 2877 मरीजों में से 48 मरीज SARI टेस्ट में पॉजिटिव मिले थे। ठीक इसी तरह, ICMR की दूसरी रिपोर्ट भी बताती है कि 83.3 फीसदी कोरोना पॉजिटिव मरीज 50 साल के ऊपर के हैं। 81.4 प्रतिशत मरीज 40 साल से ऊपर के हैं।

SARI टेस्ट वाले मरीजों की संख्या बढ़ी

ICMR की दूसरी रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर बताया गया है कि मार्च 14 से पहले SARI टेस्ट वाले मरीजों की संख्या शून्य थी। जो 2 अप्रैल तक बढ़कर 2.6 फीसदी हो गई है।

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