क्या होता है नौतपा, जानें इसका पौराणिक महत्व

0

इस वर्ष भीषण गर्मी के कारण भारत के उत्तर भारत के लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो जा रहा है वहीं आज यानि शनिवार से शुरु नौतपा का कहर लोगों पर अगले 9 दिनों तक बरसने वाला है.

Also Read : Varanasi: अनशन कर रहे कार्डियोलाजी के डॉ. ओमशंकर को विभागाध्यक्ष पद से हटाया

क्या होता है

यह 9 दिनों तक पड़ने वाली भीषड़ गर्मी है जो प्रतिवर्ष पड़ती है. ज्योतिष के अनुसार जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होता है तो सबसे अधिक गर्मी धरती पर पड़ती है.चूंकि नौ दिनों तक सूर्य रोहिणी नक्षत्र में संचार करता है इसलिए, इन नौ दिनों का नाम पड़ गया नौतपा. ज्योतिष से लेकर ही ग्रामीण भारत में प्रचलित हुआ नौतपा शब्द. वहीं अगर इस दौरान बारिश हो जाए तो माना जाता है कि पूरे वर्षभर अच्छी बारिश होगी. प्राचीन समय से नौतपा को बेहद ही महत्वपूर्ण समयकाल माना जाता रहा है. इस दौरान मौसम का हाल देखकर किसान फसल के भविष्य कैसा रहेगा इसका पता लगाते थे.

सूर्य देव की अराधना करने से होती है तेज में वृद्धि

नौतपा के समय भगवान सूर्य की पूजा का बड़ा महत्व है. सूर्य देव की आराधना करने वाले व्यक्ति की तेज में वृद्धि होती है. वहीं उसके जीवन में संपन्नता आती है. इसके साथ ही नौतपा के दौरान जल दान से पितृ प्रसन्न होते हैं. इस समय गर्मी चरम पर होती है इसलिए, कोई प्यासा हो तो उसे पानी जरूर पिलाएं. नौतपा के दौरान जल के साथ ही अन्य चीजों का दान करने से भी लाभ की प्राप्ति होती है.

इस दिन हो जाएगा खत्म

25 मई नौतपा शुरू होगा जबकि 2 जून को खत्म हो जाएगा. सूर्य 25 मई को रोहिणी नश्रत्र में प्रवेश करेंगे और 2 जून तक यहीं रहेंगे. 2 जून के बाद सूय मृगशिरा नक्षत्र में चले जाएंगे. सूर्य देव जितने समय तक रोहिणी नक्षत्र में रहते हैं उतने दिनों तक धरती पर भयंकर गर्मी पड़ती है.

नौतपा के दौरान क्या करें और क्या न करें

बता दें कि मौसम विभाग द्वारा शनिवार को शहर में लू चलने की संभावना जताई गई है. विशेषज्ञों के मुताबिक लू की स्थिति में शरीर में तनाव और कमजोरी के कारण मनुष्य की जान भी जा सकती है. 9 दिनों तक भीषण गर्मी के प्रकोप से बचने के लिये इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

• दोपहर 12 से 3 बजे के दौरान धूप में बाहर निकलने से बचें, जरूरत हो तभी बाहर निकलें.
• पर्याप्त मात्रा में पानी और तरल पदार्थ पीते रहें.
• हल्के रंग के, ढीले और आरामदायक सूती कपड़े पहनें.
• धूप में बाहर जाते समय सुरक्षात्मक चश्मे, छाता, टोपी और जूते का उपयोग करें.
• जब बाहर का तापमान अधिक हो तो अधिक श्रम वाले कार्य न करें.
• यात्रा करते समय अपने साथ शीतल पेयजल रखें.
• शराब, चाय, काफी, कार्बोनेटेड युक्त शीतल पेय का सेवन नहीं करे, जो शरीर को निर्जलित करते हैं.
• उच्च प्रोटीन युक्त भोजन और बासी भोजन का सेवन न करें.
• यदि आप अस्वस्थ महसूस करते हैं, तो तुरंत डाक्टर से परामर्श लें.
• ओआरएस, घर पर बने पेय जैसे लस्सी, चने के सत्तू का घोल, नींबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें जो शरीर को हाइड्रेट करने में मदद करता है.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More