अब BSP जनता के बीच में जाकर सुनाएगी दलित उत्पीड़न की दास्तां
बीजेपी के एससी-एसटी कार्ड से निपटने के लिए बीएसपी अभी से जुट गई है। बसपा कार्यकर्ता घर-घर जाकर भाजपा सरकारों में दलित उत्पीड़न की कहानी तथ्यों सहित बताएंगे। बीएसपी प्रमुख मायावती के निर्देश पर टीमें बनाकर इसकी शुरुआत कर दी गई।
किताबें छपवाने की भी तैयारी कर ली गई है
यह अभियान लोकसभा चुनाव तक चलेगा। खासतौर से देश के बड़े मामलों जैसे भीमा कोरेगांव, रोहित वेमुला के अलावा यूपी में दलित उत्पीड़न की घटनाओं को तथ्यों सहित बताया जाएगा। इसके लिए पर्चे और किताबें छपवाने की भी तैयारी कर ली गई है।
बीजेपी का मुख्य अजेंडा हिंदुत्व ही होगा
बसपा के बड़े नेताओं ने मंथन के दलित उत्पीड़न के मुद्दे को लोकसभा चुनाव में व्यापक तौर पर उठाने की योजना तैयार की गई है। इसकी वजह यह है कि बीजेपी का मुख्य अजेंडा हिंदुत्व ही होगा। ऐसे में सभी हिंदुओं को अपने साथ लाने के लिए दलितों को किसी भी तरह अपने साथ लाने की कोशिश करेगी।
Also Read : सीएम योगी ने अलकनंदा क्रूज का किया लोकार्पण
संसद के जरिए एससी/एससी का नया कानून बनाकर बीजेपी ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। बीएसपी नेताओं को यह भी आशंका है कि दलितों को अपने साथ लाने के लिए चुनाव से पहले कई और तरीके भी अपनाएगी।
कुछ खिसकने से ही पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था
बीएसपी का मुख्य वोट बैंक एससी-एसटी ही है। पिछले लोकसभा और विधान सभा चुनाव में यह जनाधार कुछ खिसकने से ही पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। इस बार वह अपने इस वोट बैंक को खिसकने नहीं देना चाहती। खासतौर से जब इसी वोट बैंक के आधार पर पार्टी कई राज्यों और लोकसभा चुनाव में गठबंधन की तैयारी कर रही है। गठबंधन में भी इस वोट बैंक के दम पर ही पार्टी ज्यादा से ज्यादा सीटों का दावा करेंगी।
युवाओं को हर स्तर पर 50 फीसदी भागेदारी दी जा रही है
पार्टी ने कई महीने पहले से ही नए सिरे से बूथ स्तर तक संगठन खड़ा करने की तैयारी शुरू कर दी है। संगठन में कई बदलाव भी किए गए हैं। बूथ इकाइयों का आकार कई गुना बढ़ाया गया है। युवाओं को हर स्तर पर 50 फीसदी भागेदारी दी जा रही है। इसकी भी वजह यही है कि ताकि कोई भी बात घर-घर तक आसानी से पहुंच सके। युवाओं की मदद से सोशल मीडिया पर भी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक बात पहुंचाई जा सकेगी।साभार
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)