भारतीय अर्थ व्यवस्था को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों के विलय को लेकर घोषणा की है। दरअसल आने वाले समय में भारत में सिर्फ 12 बैंकों का संचलन होगा। अभी भारत में पब्लिक सेक्टर के 27 बैंक हैं।
इन बैंकों का होगा विलय:
पंजाब नैशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स तथा यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय किया जाएगा। इनके विलय से देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक तैयार होगा, जिनका बिजनस 17.95 लाख करोड़ का होगा।
वहीं केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का विलय किया जाएगा, जिससे चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेगा, जिसका कारोबार 15.20 लाख करोड़ रुपये का होगा।
इसके अलावा, बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक तथा कॉरपोरेशन बैंक का विलय किया जाएगा, जिससे देश का पांचवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक तैयार होगा।
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इंडियन बैंक, इलाहाबाद बैंक का विलय किया जाएगा, जिससे सातवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेगा, जिसका कारोबार 8.08 लाख करोड़ रुपये का होगा।
सरकार ने एनबीएफसी को समर्थन के लिए कई उपाय किए हैं। सरकार का फोकस बैंकिंग सेक्टर को मजबूत करने पर है। उन्होंने कहा कि 8 सरकारी बैंकों ने रीपो रेट लिंक्ड लोन लॉन्च किया है। कर्ज बांटने में सुधार लाना सरकार की प्राथमिकता है। बैंकों के ग्रॉस एनपीए में कमी आई है और उनकी परिसंपत्तियों की गुणवत्ता में सुधार हुआ।’