सीलिंग पर दिल्ली ‘सील’, DDA ने दी राहत

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राजधानी दिल्ली में सीलिंग को लेकर हो रहे विरोध के बीच शुक्रवार को डीडीए की बैठक हुई। बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। दिल्ली में अब FAR (फ्लोर एरिया रेशो) को 180 से बढ़ाकर 300 कर दिया गया है। इसके अलावा 12 मीटर से ज़्यादा चौड़ी सड़कों पर बने गोडाउन नियमित किये गए, कन्वर्शन चार्ज पर पेनॉल्टी 10 गुना से घटाकर 2 गुना की गई।

5 हजार जगहों पर प्रदर्शन की भी योजना है

बता दें कि अब एफएआर बढ़ने से बेसमेंट भी सीलिंग के दायरे से बाहर होंगे।सीलिंग का मुद्दा शुक्रवार को राज्यसभा में भी उठा। आप नेता संजय सिंह ने राज्यसभा में इस मुद्दे को लेकर नारेबाजी की और वेल में जा पहुंचे। आप के अलावा कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को उठाया। बता दें कि दिल्ली में सीलिंग के खिलाफ व्यापारी संघ ने 48 घंटे के दिल्ली बंद का ऐलान किया है। माना जा रहा है कि इसमें राजधानी के 7 लाख कारोबारी संस्थानों का शटर गिरा रहेगा और 5 हजार जगहों पर प्रदर्शन की भी योजना है।

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राजधानी में चल रही सीलिंग को लेकर व्यापारियों के ऐलान के मुताबिक 2 फरवरी और 3 फरवरी को दिल्ली के ज्यादातर बाजारों में दुकानों का शटर गिरा रहेगा। दिल्ली में 5 हजार जगहों पर सीलिंग विरोधी प्रदर्शन किया जाएगा। ऑल इंडिया कारोबारी संघ ने 48 घंटे के बंद का एलान किया है। माना जा रहा है कि इस महाबंद में दिल्ली के करीब 2 हजार व्यापार समितियां हिस्सा लेंगी और 7 लाख से भी ज्यादा कारोबारी संस्थान इस दौरान बंद रहेंगे। दिल्ली बंद में बड़े बाजार कनॉट प्लेस, करोल बाग, हौजखास, चांदनी चौक समेत तमाम अहम मार्केट भी नहीं खुलेंगे।

तो कहीं सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है

इस संबंध में व्यापारी सीलिंग की मॉनिटरिंग कमिटी से भी मिलेंगे। सीलिंग बंद ना होने पर जनप्रतिनिधियों के घरों के घेराव की भी योजना है। सीलिंग के खिलाफ व्यापारी कहीं कैंडल मार्च निकाल रहे हैं तो कहीं सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। दिल्ली के व्यापारियों का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आड़ में दिल्ली नगर निगम कानून 1957 के मूलभूत प्रावधानों को ताक पर रखकर सीलिंग की कार्रवाई की जा रही है – राजधानी में सीलिंग के खिलाफ कारोबार जगत के विरोध को सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के समर्थन का अतिरिक्त हथियार भी मिल गया है।

आम लोगों के लिए परेशानी का पहाड़ जरुर बन सकता है

आप भी बंद के साथ है। कांग्रेस भी सीलिंग के खिलाफ है। व्यापारी संघ केन्द्र सरकार से मांग कर रहा है कि तुरंत एक अध्यादेश या कानून लाकर सीलिंग को रोका जाए और मास्टर प्लान के एक्ट में भी बदलाव किया जाए। सरकार, एमसीडी या अदालत जो करेंगी, सो करेगी, लेकिन उससे पहले दिल्ली में लाखों दुकानों का बंद होना आम लोगों के लिए परेशानी का पहाड़ जरुर बन सकता है।

aajtak

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