…जब पिता ने हत्यारे बेटे के लिए कानून से मांगी रहम की भीख
नोएडा मे मां-बहन के डबल मर्डर केस में एक नया मोड़ देखने में आ रहा है। हत्यारे बेटे को पिता (father) ने आगे पढ़ाने और कानून से बचाने की बात कही है। टाइल्स कारोबारी की पत्नी और बेटी की हत्या के बाद से फरार नाबालिग बेटे को पुलिस ने 2 दिन बाद बनारस से गिरफ्तार कर लिया था। नोएडा पुलिस ने शनिवार को बताया कि डबल मर्डर केस में पढ़ाई को लेकर डांटने की वजह सामने आई है। लड़के के मानसिक रोगी होने की भी बात सामने आई है। इस पूरे मामले में पिता का रवैया हैरान कर देने वाला है। नाबालिग आरोपी (16) ने अपनी मां और बहन की हत्या में क्रिकेट बैट का इस्तेमाल किया। बाद में कैंची से दोनों का गला काट दिया। मां के चेहरे पर कैंची से कई वार किए थे। मां-बेटी की बॉडी बेडरूम में रजाई से ढक दी थी। बेटा वीडियो गेम्स खेलेने का खासा शौकीन था। वहीं उसने सोशल साइट्स पर सैकड़ों अकाउंट बनाए हुए थे। पड़ोसियों की शिकायतें लगातार जारी थी कि वह काफी शरारती है और लोगों को परेशान करता है।
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आखिर पिता अपने मानसिक रोगी बेटे को क्यों बचा रहा
इसके अलावा डबल मर्डर के इस नाबालिक आरोपी ने घर से डेढ़ लाख रूपए भी गायब कर दिए थे। ऐसे में ये बात सोचने वाली है कि पिता अपने मानसिक रोगी बेटे को क्यों बचा रहा है? अपने हत्यारे बेटे के लिए पिता का प्यार अभी भी बरकरार है। बेटे ने अपनी मां और बहन की बैट से मार-मार हत्या कर दी थी। लेकिन 16 वर्षीय बच्चे के बूढ़े पिता को अभी भी अपने बेटे को एक अच्छी परवरिश देने की उम्मीद है। पिता बेटे को ट्रैक पर वापस लाने के लिए सब कुछ छोड़ने को तैयार है।
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लड़के ने पुलिस पूछताछ में गुनाह कबूला
आरोपी 10th क्लास का स्टूडेंट है और पढ़ाई में कमजोर है, इसलिए मां उसे अक्सर फटकार लगाती थी। बच्चे को यह भी लगता था कि मां बहन से ज्यादा प्यार करती है। आरोपी लड़के ने पुलिस पूछताछ में गुनाह कबूल कर लिया है। आरोपी को जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया गया। पिता ने पुलिस से कहा कि, मैंने अपने पूरे परिवार को खो दिया है लेकिन मैं अपने बेटे को पढ़ाने और वापस जिदंगी जीना सिखाने के लिए पूरी कोशिश करूंगी। मैं उसे सेटल करने के लिए हर लड़ाई लडूंगा। “मैंने अपनी पत्नी और बेटी को खो दिया है, और हत्यारा मेरा अपना ही बेटा है। मैंने सबकुछ खो दिया है और मुझे सांत्वना देने वाला कोई भी नहीं है। मेरा बेटा ही मेरी जिदंगी और सहारा है। मेरी जिंदगी जीने की वजह भी वहीं है। मैं अपने बेटे के साथ इस छोटे परिवार को फिर से सेटल करूंगा।
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बेटे को करना पड़ेगा समाज के कड़वे शब्दों का सामना
पिता ने कहा कि उसके बेटे को जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना होगा। उसे अपनी भावनाओं से लड़ना होगा और बाद में समाज के कड़वे शब्दों का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि उसके बेटे ने एक अपराध किया लेकिन अपनी भी जिंदगी बरबाद कर ली। मैंने इस घटना के बारे में उससे कुछ भी बात नहीं की है। मर्डर के बारे में बात करने पर वह बहुत भावुक हो जाता है और रोने लगता है। उसने गुस्से में डबल मर्डर किए हैं लेकिन अब उसके व्यवहार में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि वह अब अपने वकील से बेटे को किताबें दिलवाने की कानूनी मदद चाहते हैं ताकि वह अपनी 10 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं दे सकें।
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कानून द्वारा बेटे के लिए रहम उम्मीद
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए, पिता ने कहा कि मुझे अपने बेटे के बारे में स्कूल से कोई शिकायत नहीं मिली थी। “जब भी स्कूल प्रशासन उसकी परफॉर्मेंस या व्यवहार से संबंधित कोई बात होती तो सूचित करते थे। जहां तक उसकी पढ़ाई और योग्यता का सवाल है हमें पता था कि हमें और टीचर्स को उस पर कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। गुरूवार साढ़े 10 बजे मनोचिक्तसक के साथ हुई बातचीत में भी वह घटना के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बोल पाया। अब उसका बिहेवियर सामान्य है। कानून द्वारा मुझे उसके साथ रहम किए जाने की उम्मीद है।
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सगी मां और बहन की बेरहमी से करी थी हत्या
एक पूरी प्लानिंग से किए गए मर्डर के आरोपी और मानसिक रोगी को बचाने वाले पिता पर सवाल खड़े हो जाते हैं। ये बात भी सोचने को मजबूर करती है कि क्या बेटे की आड़ में पिता इस का भी इस डबल मर्डर से कुछ लेना-देना है? अपनी सगी मां और बहन की बेरहमी से हत्या करने वाले बेटे के लिए पिता कानून से रहम की भीख मांग रहा है। अपराध और अपराधी का साथ देने वाला भी बराबर का गुनहगार माना जाता है।