शेयर बाजार : बीते सप्ताह उतार-चढ़ाव भरा रुख रहा…
बीते हफ्ते घरेलू शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव भरा रुख रहा। इस दौरान निवेशक आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) की मौद्रिक नीति और ब्रिटेन के चुनावी नतीजे का बाजार पर असर का आकलन करते रहे। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 11.23 अंकों या 0.03 फीसदी की गिरावट के साथ 31,262.06 पर तथा निफ्टी 14.75 अंकों या 0.15 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 9,668.25 पर बंद हुए।
हालांकि बाजार में तेजी रही, क्योंकि मिडकैप सूचकांक में 0.49 फीसदी और स्मॉलकैप सूचकांक में 1.55 फीसदी की तेजी आई। दोनों ही सूचकांकों ने सेंसेक्स को पीछे छोड़ दिया।
सोमवार को सेंसेक्स 36.20 अंकों या 0.12 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 31,309.49 पर बंद हुआ। मंगलवार को वैश्विक बाजारों में गिरावट के असर से सेंसेक्स 118.93 अंकों या 0.38 फीसदी की गिरावट के साथ 31,190.56 पर बंद हुआ। बुधवार को आरबीआई ने मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख ब्याज दर यथावत रखी। इस दिन सेसेंक्स 80.72 अंकों या 0.26 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 31,271.28 पर बंद हुआ।
गुरुवार को सेंसेक्स 57.92 अंकों या 0.19 फीसदी की गिरावट के साथ 31,213.36 पर बंद हुआ और शुक्रवार को सेंसेक्स 48.70 अंकों या 0.16 फीसदी की बढ़ोतरी के सात 31,262.06 पर बंद हुआ।
इस सप्ताह बीएसई के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे – अडानी पोर्ट्स (0.71 फीसदी), हिन्दुस्तान यूनीलीवर (0.65 फीसदी), पॉवरग्रिड (0.29 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (0.81 फीसदी), टाटा स्टील (2.99 फीसदी), एक्सिस बैंक (1.1 फीसदी), एचडीएफसी (1.9 फीसदी), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (0.38 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (1.41 फीसदी), सन फार्मा (1.94 फीसदी), बजाज ऑटो (0.75 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (0.57 फीसदी) और मारुति सुजुकी (4.73 फीसदी)।
बीएसई के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे – कोल इंडिया (2.66 फीसदी), एशियन पेंट्स (0.84 फीसदी), गेल (इंडिया) (5.31 फीसदी), आईटीसी (4.06 फीसदी), लार्सन एंड टूब्रो (0.42 फीसदी), ओएनजीसी (2.73 फीसदी), टीसीएस (2.01 फीसदी), विप्रो (2.75 फीसदी), इंफोसिस (2.15 फीसदी), ल्यूपिन (0.39 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (1.62 फीसदी), टाटा मोटर्स (2.37 फीसदी), एनटीपीसी (2.74 फीसदी) और भारती एयरटेल (1.62 फीसदी)।
आर्थिक र्मोचे पर सरकार और कॉरपोरेट जगत को निराश करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2017-18 की अपनी दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में बुधवार को प्रमुख ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा है।
हालांकि प्रणाली में तरलता बढ़ाने के लिए आरबीआई ने वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) में 50 आधार अंकों या 20 फीसदी की कटौती की है, जो वाणिज्यिक बैंकों को अनिवार्य रूप से बनाए रखना होता है। शीर्ष बैंक ने नगद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) या नगद धन की मात्रा को चार फीसदी पर बरकरार रखा है, जिसे वाणिज्यिक बैंकों को रखना होता है।
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शीर्ष बैंक ने लगातार चौथी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो या अल्पकालिक ब्याज दर को यथावत रखा है। इससे पहले साल 2016 के अक्टूबर में आरबीआई ने रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कमी की थी, तब से यह 6.25 फीसदी पर बरकरार है।
वैश्विक मोर्चे पर चीन में मई माह का निर्यात पिछले साल के समान मान की तुलना में 8.7 फीसदी बढ़ा है, जबकि आया में 14.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और दोनों ही अनुमान से अधिक रहे हैं।
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