हाल ही में Ghibli-style AI-generated Image ने सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया है. लोग अपनी तस्वीरें अपलोड कर उन्हें Studio Ghibli की खूबसूरत वॉटरकलर शैली में बदल रहे हैं. लेकिन इस ट्रेंड के बढ़ते प्रभाव के साथ ही प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएँ भी उठ रही हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह AI कला देखने में आकर्षक जरूर है, लेकिन इसके पीछे कई बड़े जोखिम छिपे हो सकते हैं.
Ghibli-style की AI Image क्या है?
अगर आप Studio Ghibli से परिचित नहीं हैं, तो बता दें कि यह जापान का एक प्रसिद्ध एनीमेशन स्टूडियो है, जिसे 1985 में हयाओ मियाज़ाकी, इसाओ ताकाहाता और सुजुकी तोशियो ने मिलकर शुरू किया था. यह स्टूडियो अपने खूबसूरत हैंड-पेंटेड एनिमेशन और दिल छू लेने वाली कहानियों के लिए जाना जाता है. इसकी सबसे प्रसिद्ध फिल्मों में ‘स्पिरिटेड अवे’, ‘हाउल्स मूविंग कैसल’, ‘नेबर टोटोरो’ और ‘प्रिंसेस मोनोनोके’ शामिल हैं.
अब ChatGPT का GPT-4o मॉडल इसी शैली की इमेज जनरेट कर सकता है, जिससे दुनियाभर के यूजर्स में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है.
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हायाओ मियाज़ाकी का AI पर कड़ा रुख
Ghibli-style की AI- generated Image की लोकप्रियता के बीच जापानी एनीमेशन निर्देशक हायाओ मियाज़ाकी के एक पुराने वीडियो ने भी सोशल मीडिया पर सुर्खियाँ बटोरीं. इस वीडियो में वह AI- generated एनीमेशन को “जीवन के लिए अपमान” कहते नजर आ रहे हैं.
मियाज़ाकी, जो ‘स्पिरिटेड अवे’ और ‘माई नेबर टोटोरो’ जैसी प्रतिष्ठित फिल्में बना चुके हैं, AI को मानवीय भावनाओं के लिए खतरा मानते हैं. वीडियो में एक टीम उन्हें एक AI सिस्टम दिखाती है, जो तस्वीरों को एनिमेट कर सकता है. लेकिन जब मियाज़ाकी ने देखा कि यह सिस्टम अजीब, डरावनी ज़ोंबी जैसी गतियाँ उत्पन्न कर रहा है, तो उन्होंने इसे सिरे से नकार दिया.
उन्होंने कहा, “जो भी इस तरह की चीजें बनाता है, उसे दर्द का बिल्कुल भी एहसास नहीं है. मैं पूरी तरह से घृणा महसूस कर रहा हूँ. मैं कभी भी इस तकनीक को अपने काम में शामिल नहीं करूंगा.”
बता दें कि Studio Ghibli में एक एनिमेटेड फिल्म बनाने में कई साल लग सकते हैं, और हर एक फ्रेम (तस्वीर) को हाथ से बनाया जाता है, जो इसे बेहद खास बनाता है.
एक Ghibli-style की तस्वीर बनाने में कितना समय लगता था?
1. एक सीन (फ्रेम) बनाने में – लगभग 1 दिन से 1 हफ्ता तक लग सकता था, क्योंकि हर फ्रेम को हाथ से पेंट किया जाता था.
2. पूरी फिल्म बनाने में – आमतौर पर एक Ghibli फिल्म को बनाने में 3 से 5 साल का समय लगता था.
3. एक सेकंड की एनीमेशन के लिए – लगभग 12 से 24 फ्रेम (तस्वीरें) बनाई जाती थीं, ताकि मूवमेंट स्मूथ लगे.
उदाहरण:
- Spirited Away (2001) को पूरा करने में 3 साल लगे.
- Howl’s Moving Castle (2004) को बनाने में 4 साल लगे.
- My Neighbor Totoro (1988) को लगभग 2 साल में पूरा किया गया.
Ghibli की खासियत थी कि वे हाथ से पेंटिंग बनाने में बहुत बारीकी और धैर्य रखते थे, जिससे उनकी फिल्में आज भी जिंदा और खूबसूरत लगती हैं.
Ghibli-style Image से जुड़ी प्राइवेसी चिंताएँ
इस नए ट्रेंड की लोकप्रियता के बीच इसके प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा को लेकर कई खतरे भी हैं-
1. डेटा गोपनीयता का खतरा
जब कोई व्यक्ति अपनी तस्वीर AI टूल्स पर अपलोड करता है, तो उसकी छवि सर्वर पर स्टोर हो सकती है. कुछ AI मॉडल इन छवियों को भविष्य में ट्रेनिंग के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में यह स्पष्ट नहीं होता कि ये डेटा कितने समय तक स्टोर रहेगा और इसका उपयोग कैसे किया जाएगा.
2. फर्जी प्रोफाइल और डीपफेक का खतरा
AI- generated Ghibli-style की छवियों को छेड़छाड़ करके गलत उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. डीपफेक टेक्नोलॉजी के जरिए चेहरों को बदलकर किसी की पहचान से छेड़छाड़ की जा सकती है. कई मामलों में इन छवियों का उपयोग फर्जी प्रोफाइल बनाने और साइबर अपराधों के लिए भी किया जा सकता है.
3. पहचान चोरी (Identity Theft)
अगर कोई व्यक्ति अपनी फोटो AI टूल्स पर अपलोड करता है, तो उसकी डिजिटल पहचान बिना अनुमति के अन्य वेबसाइटों या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस्तेमाल की जा सकती है. इससे फिशिंग अटैक, ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर अपराध का खतरा बढ़ सकता है.
4. बच्चों और नाबालिगों की सुरक्षा
विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चे और किशोर बिना सोचे-समझे अपनी तस्वीरें AI टूल्स पर डाल रहे हैं. यदि यह डेटा सुरक्षित रूप से स्टोर न किया जाए, तो यह गलत हाथों में जा सकता है और साइबर बुलिंग, पहचान की चोरी और अन्य ऑनलाइन खतरों को जन्म दे सकता है.
5. अनजाने में सहमति (Implicit Consent)
जब कोई व्यक्ति किसी AI टूल पर अपनी फोटो अपलोड करता है, तो वह अनजाने में अपनी छवि के उपयोग की अनुमति दे सकता है. कई बार यूजर्स बिना शर्तों को पढ़े सहमति दे देते हैं, जिससे AI कंपनियों को उनकी छवियों का उपयोग करने की स्वतंत्रता मिल जाती है.
कैसे बचें?
संवेदनशील तस्वीरें अपलोड न करें.
AI टूल्स की प्राइवेसी पॉलिसी को ध्यान से पढ़ें.
अगर संभव हो, तो डेटा डिलीट करने का विकल्प देखें.
अनजान AI वेबसाइटों पर अपनी पहचान से जुड़ी जानकारी साझा करने से बचें.
Ghibli-style की AI- generated Image देखने में आकर्षक हो सकती हैं, लेकिन इनसे जुड़े प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा के जोखिमों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. विशेषज्ञों का सुझाव है कि यूजर्स को सतर्क रहना चाहिए और सोच-समझकर अपनी तस्वीरें AI टूल्स के साथ साझा करनी चाहिए, ताकि उनकी गोपनीयता और डिजिटल पहचान सुरक्षित बनी रहे.
हालाँकि, यह ट्रेंड डिजिटल क्रिएटिविटी और AI की बढ़ती शक्ति को भी दर्शाता है. लेकिन मियाज़ाकी जैसे दिग्गज एनीमेटर और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, लोगों को इस तकनीक का उपयोग सतर्कता और जागरूकता के साथ करना चाहिए.