निर्भया के चारों दोषियों को शुक्रवार की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई। इसके साथ ही देश को झकझोर देने वाले, यौन उत्पीड़न के इस भयानक अध्याय का अंत हो गया।
मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी के फंदे पर लटकाया गया।
फांसी के पहले आखिरी रात को निर्भया के दोषियों के लिए काफी बेचैनी भरी रात थी। चारों दोषियों अक्षय ठाकुर, मुकेश सिंह, विनय शर्मा और पवन गुप्ता ने अपनी फांसी से पहले की रात बेचैनी में गुजारी।
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इस तरह गुजरी दोषियों की रात-
चारों ने शुक्रवार तड़के उठकर अपनी फांसी का इंतजार किया और वे इस दौरान एक दूसरे से मिलना चाहते थे, लेकिन तिहाड़ जेल प्रशासन ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी।
[bs-quote quote=”कल रात मुकेश और विनय ने खाना खाया था, जबकि अक्षय ने सिर्फ चाय पी थी। विनय रोया था, हालांकि चारों दोषी शांत ही रहे। चारों को कोर्ट का अपडेट दिया जाता रहा। अगर उनके परिवार शव पर दावा करते हैं तो उन्हें दिया जाएगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो अंतिम संस्कार हमारी ड्यूटी है।” style=”default” align=”center” author_name=”डीजी” author_job=”तिहाड़ जेल”][/bs-quote]
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आखिरी के वो 90 मिनट-
सूत्रों के मुताबिक सहायक जेलर ने सुबह 4 बजे सभी चारों दोषियों को नहाकर तैयार होने के लिए कहा। विनय ने मना कर दिया। 4.15 मिनट पर उन्हें अपने धर्म के अनुसार प्रार्थना करने की इजाजत दी गई, लेकिन किसी ने भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। इसके बाद चारों को अंतिम बार नाश्ता दिया गया। करीब 4.30 बजे फांसी घर तक जाने के लिए उन्हें कहा गया।
इसके बाद चारों दोषियों का मेडिकल चेकअप किया गया। जिसमें इस बात की पुष्टि हुई की वे सजा के लिए पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं। इस बीच, जेल अधीक्षक ने अंतिम बार इसकी जांच की कि फांसी को रोकने या टालने से संबंधित किसी प्रकार का कोई पत्र या नोटिस तो नहीं आया है। हालांकि, जेल अधिकारियों को ऐसा कोई दस्तावेज नहीं मिला।
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दोषियों ने नहीं बताई अपनी आखिरी इच्छा-
सुबह 5.20 बजे उनके चेहरे को एक सूती कपड़े से ढंक दिया गया। उनके हाथों को पीठ के पीछे बांध दिया गया। चारों दोषियों को ‘फांसी कोठी’ में ले जाया गया। इस दौरान किसी भी अन्य कैदी को अपने सेल से बाहर आने की अनुमति नहीं थी।
इसके बाद डीएम ने भी ब्लैक वारंट में हस्ताक्षर किए जिसके बाद उन्हें फांसी दे दी गई। आधे घंटे तक वे फांसी के फंदे पर लटकते रहे। इसके बाद उन्हें सुबह 6 बजे वापस नीचे उतारा गया। तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा, ‘डॉक्टरों ने शवों की जांच की और चारों को मृत घोषित कर दिया।’
निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के दोषियों ने फांसी पर लटकाए जाने से पहले कोई भी आखिरी इच्छा नहीं बताई।