योगी ने ‌दिए जेलों में बंद 11 हजार बंदियों को रिहा करने के आदेश

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश के कारागारों में बंद करीब 11,000 बंदियों को 8 सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर तत्काल रिहा किया जाएगा। इनमें से 8500 विचाराधीन और 2500 सिद्धदोष बंदी शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि उत्तर प्रदेश विधिक सेवा और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार कुमार अवस्थी व डीजी जेल आनंद कुमार की कमेटी ने बंदियों की रिहाई के लिए मंथन किया है। इसके बाद निर्णय लिया गया है कि उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद करीब 11 हजार बंदियों को पैरोल या जमानत देकर तय समय के लिए छोड़े जाने की व्यवस्था की गई है।

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योगी ने बताया कि पैरोल सामान्य प्रक्रिया के तहत दिया जाएगा और जमानत के लिए जिला जज संबंधित जेलों में जाकर यह बेल उपलब्ध कराएंगे।

मुख्यमंत्री ने शनिवार को संजय गांधी पीजीआई के ट्रॉमा सेंटर में बने 210 बेड वाले राजधानी कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने आईसीयू और आइसोलेशन व क्वारंटाइन वार्ड भी देखा। मुख्यमंत्री ने कोरोना मरीजों के लिए अस्पताल में बनाई गई तीन चरण में स्क्रीनिंग की सुविधा के बारे में जानकारी ली। इसके बाद मुख्यमंत्री ने महानगर स्थित कल्याण मंडप में बनाए गए कम्युनिटी किचन का भी निरीक्षण किया।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर से सभी से अपील की है कि सभी लोग अपने घरों में रहें, जिससे कोरोना संक्रमण से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि सभी लोग लॉकडाउन का पालन करें।

शुक्रवार को जहां 12 राज्यों में नोडल अधिकारी तैनात किए गए थे, वहीं शनिवार को मुख्यमंत्री ने हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, उड़ीसा, लद्दाख के साथ दक्षिण में केरल, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ के साथ पूवरेतर के राज्यों में भी नोडल अधिकारी तैनात किए हैं। जो लोग दूसरे राज्यों में हैं, वहां कारोबार और नौकरी कर रहे हैं, वे नोडल अधिकारियों से संपर्क कर हर तरह की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिन देशों ने लापरवाही बरती है, वहां की स्थिति बहुत ही नाजुक है। इसलिए सभी से उनकी अपील है कि जो जहां हैं, वहीं रहें। उन्हें उनके घर तक हर तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। इसके लिए वह और उनकी टीम 24 घंटे कार्य कर रही है।

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