युगल मुकाबलों को उतना महत्व दिया नहीं जाता है : पोनप्पा

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भारत की अग्रणी युगल बैडमिंटन खिलाड़ी और राष्ट्रमंडल चैम्पियन रह चुकीं अश्विनी पोनप्पा का मानना है कि देश में विश्वस्तरीय बैडमिंटन जोड़ियां विकसित करने के लिए जमीनी स्तर पर अधिक से अधिक संख्या में युगल स्पर्धाएं आयोजित करने की जरूरत है।

अपनी पूर्व जोड़ीदार ज्वाला गुट्टा के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई खिताब जीत चुकीं पोनप्पा का कहना है कि अगर युगल स्पर्धाओं के आयोजन में इजाफा होगा तो बच्चे इस वर्ग में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे।

पीएनबी मेटलाइफ जूनियर बैडमिंटन चैम्पियनशिप के राष्ट्रीय फाइनल्स में बतौर मुख्य अतिथि शामिल पोनप्पा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि युगल मुकाबलों को कम अहमियत दी जाती है, ऐसे में जमीनी स्तर पर इस तरह के टूर्नामेंट्स के ज्यादा आयोजन से युगल खिलाड़ियों की अच्छी बेंच स्ट्रेंग्थ तैयार की जा सकती है।

पोनप्पा आज भी दक्षिण एशिया में चैम्पियन महिला युगल बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। पिछले ही साल उन्होंने ज्वाला के साथ दक्षिण एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता। हालांकि विश्व चैम्पियनशिप-2011 में कांस्य पदक, बैडमिंटन का विश्व कप माने जाने वाले उबर कप में दो बार (2014, 2016) कांस्य पदक राष्ट्रमंडल खेलों-2010 में स्वर्ण पदक जीत चुकीं पोनप्पा अब ज्वाला के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में कम ही नजर आती हैं।

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पोनप्पा से जब पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि युवा खिलाड़ी युगल वर्ग को छोड़कर एकल वर्ग में अपना करियर तलाश रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा, “मैं इसके लिए उन्हें दोष नहीं दूंगी, क्योंकि युगल मुकाबलों को उतना महत्व दिया नहीं जाता है। उम्मीद है हालात बदलेंगे और कई युगल टूर्नामेंट्स आयोजित होंगे जहां से खिलाड़ी निकलेंगे।”

पिछले कुछ वर्षो में भारतीय युगल खिलाड़ियों के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी देखी गई है। इस संबंध में जब पोनप्पा से पूछा गया तो उन्होंने कहा, “इसके कई कारण हैं। मैं उनमें नहीं जाना चाहती, क्योंकि अंत में एक युगल खिलाड़ी के तौर पर मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने और प्रदर्शन में निरंतरता लाने की कोशिश कर रही हूं। साथ ही दूसरे खिलाड़ी भी हैं।”

27 वर्षीय पोनप्पा के अनुसार, “हमारी कोशिश होती है कि हम अपना सर्वश्रेष्ठ दें और निरंतरता हासिल करें, लेकिन फिर भी मैं कहूंगी कि युगल खिलाड़ियों का प्रदर्शन बहुत खराब नहीं रहा है। हमने इस साल कुछ खिताब जीते हैं। पहले जो था उसमें अब सुधार हो रहा है। अतीत में ज्वाला और मैंने भी काफी कुछ हासिल किया।”

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