वृंदावन में छह दिनों तक धूमधाम से मनाया जाएगा संत प्रेमानंद महाराज का जन्मोत्सव

धूमधाम से मनाया जाएगा संत प्रेमानंद महाराज का जन्मोत्सव

मथुरा: वृंदावन में संत प्रेमानंद जी महाराज का जन्मोत्सव भव्य रूप से मनाया जाएगा. यह आयोजन 25 मार्च से 30 मार्च तक चलेगा, जिसमें देशभर से भक्तों के शामिल होने की संभावना है. श्री हित राधा कलिकुंज में होने वाले इस उत्सव के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.

महाराज की दिनचर्या में होगा बदलाव

जन्मोत्सव के अवसर पर प्रेमानंद महाराज की दिनचर्या में भी परिवर्तन किया गया है. आयोजन के दौरान भक्त प्रतिदिन सुबह 5:40 बजे से उनके दर्शन कर सकेंगे. इस संबंध में जानकारी सोशल मीडिया के ‘भजन मार्ग’ अकाउंट से साझा की गई है.

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भक्ति, प्रवचन और आध्यात्मिक वातावरण

संत प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन में श्रीकृष्ण और राधारानी की आराधना करते हैं. उनके प्रवचन सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हैं, जिसके चलते देशभर में उनके अनुयायियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. उनके जन्मोत्सव के अवसर पर भजन-कीर्तन, धार्मिक प्रवचन और अन्य आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.
वृंदावन में इस भव्य उत्सव के दौरान भक्ति और अध्यात्म का संगम देखने को मिलेगा. इस उत्सव में देशभर से श्रद्धालु भाग लेंगे और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का लाभ उठाएंगे. भक्तों की सुविधा और सुव्यवस्थित दर्शन के लिए विशेष गाइडलाइंस जारी की गई हैं, जिनका पालन करना आवश्यक होगा.

भक्तों के लिए दर्शन का विशेष कार्यक्रम

जन्मोत्सव के दौरान प्रेमानंद महाराज के दर्शन प्रातः 5:40 से 7:30 बजे तक उपलब्ध होंगे. इसके अलावा, भक्तों के लिए प्रातःकालीन और सायंकालीन सत्रों में आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

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प्रातःकालीन सत्र:

03:00 – 04:15 बजे: नाम संकीर्तन
04:15 – 05:30 बजे: सत्संग
05:40 – 07:30 बजे: पूज्य महाराजजी के दर्शन
05:30 – 06:30 बजे: मंगल आरती, श्रीजी का झूला दर्शन, नाम संकीर्तन
06:30 – 08:30 बजे: श्रीहित चतुरासी जी पाठ
08:30 – 09:15 बजे: शृंगार आरती, राधा नाम कीर्तन
09:15 – 10:30 बजे: नाम संकीर्तन

सायंकालीन सत्र:

04:00 – 06:00 बजे: संध्या वाणी पाठ

भक्तों के लिए दर्शन की विशेष तिथियां

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए, जन्मोत्सव में हर दिन अलग-अलग क्षेत्र के भक्तों के लिए दर्शन का प्रबंध किया गया है.