दिल्ली और बंगाल के बाद लखनऊ में भी भड़की हिंसा
सीएए विरोधी हिंसा की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मायावती की मांग
हिंसा की आग भड़कती जा रही है
देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध के नाम पर हिंसा की आग भड़कती जा रही है। असम और बंगाल से शुरू हुई हिंसा की लपटों ने रविवार को राजधानी दिल्ली और अलीगढ़ को भी चपेट में ले लिया। अब लखनऊ में भी हिंसा भड़क गई है। लखनऊ में नदवा कॉलेज में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा। यहां पथराव से भगदड़ मच गई है।पुलिस ने कॉलेज का गेट बाहर से बंद कर दिया है। प्रदर्शनकारियों द्वारा जामिया के छात्रों के समर्थन में नारे लगाए गए।
उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग
इस बीच नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), 2019 के विरोध में हो रही हिंसा पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने केन्द्र व प्रदेश सरकार से उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने पुलिस व प्रशासन को भी निष्पक्ष रूप में कार्य करने के लिए कहा है।मायावती ने सोमवार को ट्वीट किया, “नए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में की गई हिंसा में पहले उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ व फिर जामिया यूनिवर्सिटी में तथा पूरे जामिया क्षेत्र में भी जो काफी बेकसूर छात्र व आमलोग शिकार हुए हैं, यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है तथा पार्टी पीड़ितों के साथ है।”
उन्होंने आगे लिखा, “ऐसे में उप्र व केंद्र सरकार को चाहिए कि वे इन वारदातों की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराएं और उनके मूल दोषी किसी भी कीमत पर बचने नहीं चाहिए तथा पुलिस व प्रशासन को भी निष्पक्ष रूप में कार्य करना चाहिए। वरना यह आग पूरे देश में, खासकर शिक्षण संस्थानों में भी काफी बुरी तरह से फैल सकती है। साथ ही, सभी संप्रदायों से यह भी अपील है कि वे शान्ति-व्यवस्था को बनाए रखें।”
स्थिति अब सामान्य
पुलिस अधीक्षक लखनऊ, कलानिधि नैथानी ने बताया, लगभग 30 सेकंड के लिए पथराव हुआ था जब लगभग 150 लोग विरोध करने और नारे लगाने के लिए सामने आए थे। स्थिति अब सामान्य है। छात्र अपनी कक्षाओं में वापस जा रहे हैं।
नदवा कॉलेज में विरोध प्रदर्शन जारी
नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ नदवा कॉलेज में विरोध प्रदर्शन जारी है।पुलिस ने कॉलेज का गेट बाहर से बंद कर दिया है। प्रदर्शनकारियों द्वारा जामिया के छात्रों के समर्थन में नारे लगाए गए।