ट्रंप के इस फैसले से हजारों भारतीयों को छोड़ना पड़ेगा अमेरिका…!

0

बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन’ की नीति के अनुरूप ट्रंप प्रशासन एक ऐसे प्रस्ताव पर विचार कर रहा है जिससे बड़ी संख्या में भारतीयों को अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है। डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्यॉरिटी (डीएचएस) के साथ मेमो के रूप में साझा किया गया यह प्रस्ताव उन विदेशी वर्करों को अपना H-1B वीजा रखने से रोक सकता है जिनके ग्रीन कार्ड आवेदन लंबित पड़े हों।

हजारों लोगों को छोड़ना पड़ेगा अमेरिका !

अमेरिकी सरकार के इस कदम से अमेरिका में हजारों इंडियन एंप्लॉयीज का H-1B एक्सटेंड नहीं किया जाएगा क्योंकि अमेरिका में स्थायी निवास की अनुमति देनेवाला उनका ग्रीन कार्ड आवेदन लंबित है। इस नए कानून से प्रभावित होनेवाले भारतीयों में बड़ी तादाद आईटी सेक्टर में काम करनेवाले एंप्लॉयीज की है। मौजूदा नियम में ग्रीन कार्ड आवेदनों के लंबित रहने के मद्देनजर अभी 2-3 साल के लिए H-1B की मान्यता बढ़ाने की अनुमित मिली हुई है। अगर नया नियम लागू हो जाता है तो H-1B धारक 50,000 से 75,000 भारतीयों को अमेरिका छोड़कर देश वापस आना पड़ सकता है।

Also Read : आतंकी बोला, ‘जिहाद’ में शामिल हो कश्मीर

प्रस्तावित कानून पर हो सकती है बातचीत

खबर है कि सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री की संस्था नैस्कॉम वीजा संबंधी मुद्दों को लेकर अमेरिकी सांसदों और प्रशासन के सामने अपनी चिंता प्रकट कर चुका है और अगले कुछ हफ्तों में प्रस्तावित कानून पर भी बातचीत कर सकता है। दरअसल, अमेरिकी प्रशासन का यह कदम उसके प्रस्तावित ‘Protect and Grow American Jobs (अमेरिकी नौकरियों का संरक्षण और वृद्धि)’ बिल के फलस्वरूप उठाया है। इस बिल में H-1B वीजा के दुरुपयोग रोकने के लिए नए प्रतिबंध प्रस्तावित हैं। इसके तहत, न्यूनतम वेतन और टैलंट के मूवमेंट को लेकर नई पाबंदियां लगाए जाने की बात कही गई है।

70 प्रतिशत वीजा पर भारतीयों का कब्जा

न्यूनतम वेतन में बड़ी वृद्धि के साथ नए वीजा नियम में क्लायंट्स को यह बताने को बाध्य किया जा रहा है कि वो नई नियुक्ति से मौजूदा वर्कर के अगले 5 से 6 साल तक की नौकरी पर खतरा नहीं होने की गारंटी दें। अमेरिका हर साल 85,000 नॉन-इमिग्रंट H-1B वीजा जबकि 65,000 विदेशियों को विदेशों में नियुक्ति और अमेरिकी स्कूल-कॉलेजों के अडवांस डिग्री कोर्सेज में दाखिले के लिए 20,000 लोगों को वीजा प्रदान करता है। इन कोटे का 70 प्रतिशत वीजा भारतीयों के हाथ ही लगता है। इनमें ज्यादातर को आईटी कंपनियां नियुक्त करती हैं।

(साभार- जनसत्ता)

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More