सुप्रीम कोर्ट ने पूछा-आम चुनाव से पहले अरविन्द केजरीवाल की लोकसभा गिरफ्तारी क्यों

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दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर मंगलवार (30 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने आम चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी को लेकर ईडी से सवाल किये हैं. कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस खन्ना ने कहा कि स्वतंत्रता बहुत जरूरी है. इससे इंकार नहीं किया जा सकता है. वहीं जस्टिस खन्ना ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग को लेकर ईडी से प्रश्न किये हैं.

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शीर्ष अदालत ने ईडी से जवाब देने, कार्यवाही शुरु होने और शिकायत दर्ज होने के बीच के अंतराल के बारे में जवाब मांगा है. जस्टिस खन्ना ने लोकसभा चुनाव से पहले गिरफ्तारी को लेकर ईडी से सवाल किये हैं.

6 सवालों के मांगें हैं जवाब

1. आम चुनाव से ठीक पहले गिरफ्तारी क्यों.
2. क्या न्यायिक कार्यवाही के बिना यहां जो कुछ हुआ है उसके संदर्भ में आपराधिक कार्यवाही शुरु कर सकते हैं?
3. इस मामले में अब तक कुर्की की कोई कार्यवाही नहीं हुई है. यदि हुई है तो दिखाएं कि मामले में केजरीवाल कैसे शामिल हैं?
4. जहां तक मनीष सिसोदिया मामले की बात है तो इसमें पक्ष और विपक्ष में निष्कर्ष हैं. हमें बताएं कि केजरीवाल मामला कहां है? उनका मानना है कि धारा 19 की सीमा, जो अभियोजन पर जिम्मेदारी डालती है, न कि आरोपी पर. इस प्रकार नियमित जमानत की मांग नहीं होती क्योंकि वह धारा 45 का सामना कर रहे हैं. जिसके कारण जिम्मेदारी उनपर आ गई है.
5. अब ईडी बताये कि हम इसकी व्याख्या कैसे करें? क्या हम सीमा को बहुत ऊंचा बनाएं और यह सुनिश्चित करें कि जो व्यक्ति दोषी है उसका पता लगाने के लिय मानक समान हो.
6. कार्यवाही शुरु होने और फिर गिरफ्तारी आदि की कार्रवाई के बीच का इतने समय का अंतराल क्यों है?
वहीं ईडी को जवाब देने के लिए शुक्रवार की दोपहर तक का समय दिया गया है.

सिंघवी ने रखा केजरीवाल का पक्ष

बता दें कि एक दिन पहले 29 अप्रैल को इसी मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से भी कई सवाल पूछे थे. कोर्ट ने पूछा कि आम आदमी पार्टी के नेता ने अधीनस्थ अदालत में जमानत याचिका दायर क्यों नहीं की. पीठ ने कहा था, क्या आप यह कहकर अपनी ही बात का खंडन नहीं कर रहे हैं कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत उनके बयान दर्ज नहीं किए गए? आप धारा 50 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए समन जारी किये जाने पर उपस्थित नहीं होते हैं और फिर कहते हैं कि यह दर्ज नहीं किया गया. न्यायालय ने पूछा कि यदि केजरीवाल समन पर उपस्थित नहीं होते हैं तो जांच अधिकारी क्या करेंगे. न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, “यदि आप धारा 50 के तहत बयान दर्ज नहीं कराते हैं तो आप यह नहीं कह सकते कि उनके बयान दर्ज नहीं किये गए.

केजरीवाल कोई अपराधी नहीं जो देश छोड़कर भाग जाएंगे

सिंघवी ने जवाब देते हुए कहा था कि केजरीवाल कोई दुर्दांत अपराधी या आतंकवादी नहीं हैं जो फ्लाइट पकड़ कर भाग जाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि अन्य सामग्रियां भी उनके अपराध को स्थापित नहीं करतीं. ईडी अगर उन्हें गिरफ्तार करने उनके घर आई थी तो फिर ईडी उनके घर पर धारा 50 के तहत उनका बयान क्यों नहीं दर्ज कर सकती? बता दें कि पीएमएलए की धारा 50 ईडी अधिकारियों को समन जारी करने और दस्तावेज, सबूत और अन्य सामग्री पेश करने की शक्ति प्रदान करने से संबंधित है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को ईडी के अधिकारियों ने 21 मार्च को गिरफ्तार में ले लिया था. तबसे ही केजरीवाल जेल में बंद है.

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