बेबस मां की दास्तां: बेटे को जंजीरों से जकड़ा

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उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक बेबस मां की कहानी सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। मजबूर मां अपने कलेजे के टुकड़े को जंजीरों से बांधने को मजबूर है। इस लाचार मां की कहानी सुनकर आपको उस पर तरस आएगा कि आखिर वह कैसे अपने बच्चों को इस हालत में देखती होगी?

मेरठ के मवाना गांव में एक बेबस मां अपने बच्चे को जंजीरों से बंधने पर मजबूर है। जंजीरों में बंधे मासूम को न तो किसी जुर्म की सजा के लिए बांधा गया है और न ही इसने कोई गुनाह किया है। मासूम का गुनाह सिर्फ इतना है कि इसने एक गरीब परिवार में जन्म लिया और अब यह परिवार उसका इलाज कराने में लाचार है। मजबूर मां ने अपनी लाचारी के चलते इलाज के बदले में अपने ही बेटे के पैरों में लोहे की जंजीरें डाल दी है।

दरअसल मासूम बच्चा बचपन में एक हादसे का शिकार हो गया था। हादसे में इसके सिर में चोट लग गई और इसके दिमाग की हड्डी में फ्रैक्चर आ गया। अभी इस युवक की उम्र महज 15 साल है। मजदूर माता-पिता से जितना भी हो पाया उन्होंने इसका इलाज कराया। लेकिन मासूम के इलाज के लिए और पैसों की जरुरत थी जो ये गरीब माता-पिता पूरी नहीं कर सके और मासूम के इलाज को बीच में ही रोकना पड़ा।

युवक जब बड़ा हो गया तो गली और मोहल्ले के लोग इसका मजाक उड़ाने लगे। कोई मासूम को सिगरेट पिलाता तो कोई शराब तो कोई पत्थर मारता। जब इस बात की जानकारी उसकी मां को हुई तो उसका कलेजा कांप उठा और उसने अपने बेटे को लोगों के मजाक से बचाने के लिए उसके पैरों में लोहे की जंजीरें डाल दी। अब मासूम की मां जहां भी जाती वह जंजीर पकड़कर अपनी मां के साथ ही जाता है।

इस हैरान मजबूर मां पर किसी नेता या मंत्री की नजर नहीं पड़ रही, जो अपने बेटे को ही जंजीरों में जकड़ने को मजबूर है। ध्यान भी कैसे जाए आखिर अभी चुनाव भी तो नहीं है।

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