बेसिक शिक्षा विभाग की लापरवाही, बच्चे भुगत रहे ख़ामियाजा

बच्चों की पढ़ाई में काफी बाधा आ रही है.

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वाराणसी – बेसिक शिक्षा विभाग ने समय से परीक्षा और परिणाम जारी करके नया सत्र तो शुरू कर दिया लेकिन 5 हफ्ते बीतने के बाद भी कक्षाओं में अभी भी रिवीजन ही कराया जा रहा है. इसका कारण यह है की परिषदीय स्कूलों में अब तक कोर्स की किताबें नहीं पहुंची हैं. इस वजह से बच्चों की पढ़ाई में काफी बाधा आ रही है. बच्चे खाली बैग लेकर स्कूल जा रहे हैं और खाली बैग लेकर अपने घर को लौट रहे हैं.

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5 हफ्ते बीतने के बाद भी नहीं मिली नयी किताबें

बेसिक शिक्षा विभाग ने इस साल से राष्ट्रीय शिक्षा निति 2020 क्रियान्वयन का फैसला बिना होमवर्क के ले लिया. यही कारण हैं की सत्र शुरू होने के बाद भी स्कूलों में अव्यवस्था का माहौल बना हुआ है. विभाग कि इस लापरवाही के कारण नए सत्र के 5 हफ्ते बीतने के बाद भी पढ़ाई शुरू नहीं हो पा रही है और इसी वजह से बच्चों को पुरानी किताबें फिर से पढ़नी पड़ रही हैं.

पुरानी किताबों से चलाया जा रहा है काम

क्लास 1 से बच्चों के लिए एनसीईआरटी (NCERT) की नयी किताबें लागू कर दी गयी हैं लेकिन हालत ये है की स्कूलों के लिए ये किताबें अब तक छप ही नहीं पायी है. इस कारण से 1 अप्रैल से शुरू हुए नए सत्र में स्कूलों में पुराने पाठयक्रम वाली किताबों से काम चलाया जा रहा है. ऐसा होने से बच्चे नया पाठयक्रम पढ़ने से वंचित हो जा रहे हैं.

शिक्षकों की अलग परेशानी

अगर शिक्षकों की बात करें तो उनकी समस्या अलग है. उनका कहना है की कोर्स में कितना बदलाव हुआ है यह किताबें आने के बाद ही पता चलेगा. ऐसे में अभी बच्चों को सिर्फ बुनियादी यानी कि शुरुवाती जानकारी जैसे की अक्षर, अंक आदि चीज़े ही सिखाई जा रही हैं. जब तक नयी किताबें नहीं आ जाती तब तक बच्चों को यही सब सिखाया जाएगा.

इन कक्षाओं की किताबें आनी बाकी

किताबों कि बात करें तो कक्षा 1 और 2 की कोई भी किताबें अभी तक स्कूलों मैं नहीं पहुंच पायी है.कक्षा 3 और 4 की कुछ किताबें पहुंची हैं लेकिन अभी भी कई किताबें आनी बाकी है. अगर बात करें मिडिल कक्षाओं की यानी 6-8 तक की तो इनकी भी हालत कुछ इसी तरह है. इन कक्षाओं के बच्चे भी पुराने किताबों को पढ़कर ही काम चला रहे हैं. वही बेसिक स्कूल अधिकारी (BSA) का कहना है कि इस वर्ष कई पाठयकर्मो में बदलाव किये गए हैं. सभी किताबें जल्द ही स्कूलों में पहुंच जाएंगी. उन्होंने किताबों में हुई देरी के मामले कोई भी जानकारी देने से इन्काचर कर दिया.

written by Harsh Srivastava

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