रैली से पहले हुंकार, कौन कहता हैं शिवपाल अकेला हैं..
उत्तर प्रदेश की सियासी मैदान में सपा बसपा और भाजपा के बाद घमासान मचाने आ रही हैं एक नई पार्टी प्रगतिशील समाज पार्टी। सियासी दलों में हलचल मचाने के लिए पार्टी संरक्षक शिवपाल (Shivpal)ने दस्तक दे दी है। सियासत के मैदान में हुंकार भरने के लिए दिन तय किया है 9 दिसंबर। शिवपाल यादव राजधानी लखनऊ के रमाबाई मैदान में 9 दिसंबर को जनाक्रोश रैली करने वाले हैं।
इसके लिए एक दिन पहले ही राजधानी लखनऊ की सड़कें और चौराहे शिवपाल यादव और प्रगतिशील पार्टी के नाम से पट चुके हैं। गोमतीनगर से लेकर कई इलाकों में सड़कों के किनारे पार्टी के झंडे लहराते नजर आ रहे हैं तो दूसरी तरफ चौराहों पर शिवपाल के बड़े बड़े होर्डिंग्स को लगा दिया गया है।
पोस्टरों पर लिखा गया है कि यूपी के जेहन में सवाल हैं और उम्मीद में शिवपाल… तो दूसरे होर्डिंग में लिखा है, हैं तैयार हम..। मरते दम तक शिवपाल के संग …और कौन कहता है शिवपाल अकेला है जैसे स्लोगन लिखे होर्डिंग से पटे पड़े हैं।
मुलायम को नहीं भेजा बुलावा
इस रैली के लिए शिवपाल सिंह सभी को निमंत्रण दे रहे हैं लेकिन खुद अपने भाई को बुलावा नहीं भेजा है। सूत्रों के हवाले से आ रही खबर के अनुसार शिवपाल ने मुलायम सिंह यादव को इस रैली का निमंत्रण ही नहीं दिया है। पार्टी का कहना है वो मुखिया है वो चाहें तो आ सकते हैं लेकिन बुलावा नहीं भेजा गया है।
शिवपाल के जवाब से सब हैरान
शिवपाल के बयान ने सभी को हैरत में डाल दिया था। दरअसल, मीडिया ने सवाल किया था कि उनकी इस रैली में क्या मुलायम सिंह शामिल होंगे? तो शिवपाल यादव ने दो टूक कहा कि नेता जी का आना या ना आना अब कोई मुद्दा नहीं है।
शिवपाल के इस जवाब ने सभी को चौंका दिया है क्योंकि अभी तक शिवपाल हर मंच से कहते रहते हैं कि नेताजी मेरे साथ हैं और देखा भी यही गया है कि शिवपाल के साथ कई कार्यक्रमों में मुलायम सिंह यादव मंच साझा करते नजर आए हैं। अब ऐसे में शिवपाल यादव का ये कहना लोगों को खटक रहा है। उनके इस जवाब के लोग यही मायने निकाल रहे हैं कि शायद शिवपाल के लिए नेता जी का आना न आना कोई महत्व नहीं रखता।
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