Sex Education: युवाओं के लिए क्यों जरूरी है यौन शिक्षा ?
Sex Education: साल 2007 में भारत सरकार ने किशोर शिक्षा कार्यक्रम शुरू की थी जिसका लगातार विरोध देखने को मिलता रहा है. इतना ही नहीं देश के कुछ राज्यों में इसे प्रतिबंधित भी कर दिया गया. इसके बावजूद कुछ निजी और सरकारी शिक्षण संस्थाओं में यह कार्यक्रम जारी है. हालांकि अब आपको यह समझना चाहिए कि इस विषय से हिचकिचाने से कोई फायदा नहीं होगा. बच्चों को सही यौन शिक्षा नहीं दी गई तो लिंग आधारित हिंसा, लिंग असमानता, प्रारंभिक और अनपेक्षित गर्भधारण, एचआईवी और अन्य यौन संचारित संक्रमण बढ़ेंगे और जिन्हें रोकना मुश्किल हो सकता है. ऐसे में स्कूल में सिर्फ शिक्षक ही नहीं बल्कि माता-पिता भी इस विषय पर अपने बच्चे से बातचीत करें. इसके साथ ही आइए जानते हैं यौन शिक्षा आखिर क्यों जरूरी है ?
क्या होती है यौन शिक्षा ?
मानव यौन शरीर की रचना, यौन प्रजनन, संभोग और मानव यौन व्यवहार के बारे में शिक्षण को यौन शिक्षा कहा जाता है. कई स्कूलों में पाठ्यक्रम में यौन शिक्षा के कुछ रूप शामिल किया जा रहा है. वैस यह कई देशों में एक विवादास्पद मुद्दा बन चुका है, खासकर उस उम्र में जब बच्चों को मानव कामुकता और व्यवहार की शिक्षा दी जानी चाहिए. किशोरों को इस उम्र में हो रहे बदलावों को सहजता से स्वीकार करने के लिए तैयार करने के लिए यौन शिक्षा बेहद जरूरी हो गई है.
यौन शिक्षा की क्यों है आवश्य़कता ?
जब बच्चा बचपन से निकलकर वयस्क अवस्था में पहुंचता है तो यौन संबंधों और सेक्स के बारे में उसे कई सारी भ्रमित और गलत जानकारी प्राप्त होती है. इसलिए विश्वसनीय सूचना की मांग बढ़ी है, जो लोगों को एक सुरक्षित, उत्पादक और पूर्ण जीवन के लिए तैयार कर सकें. व्यापक यौन शिक्षा बच्चों को सही ज्ञान देने में मददगार साबित होगी. ये युवाओं को रिश्तों और कामुकता के बारे में उचित निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाता है, साथ ही उन्हें ऐसी दुनिया बनाने से रोकता है जिसमें लिंग आधारित हिंसा, लिंग असमानता, प्रारंभिक और अनपेक्षित गर्भधारण, एचआईवी और अन्य यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) अभी भी होते हैं.
Also Read: Periods के दौरान क्यों बढ़ जाती है महिलाओं की मुश्किलें….
इसके साथ ही समान रूप से बच्चों और युवाओं को उच्च गुणवत्ता, उम्र और विकास की कमी से बुरा यौन व्यवहार और शोषण का सामना करना पड़ सकता है. बच्चों और युवाओं के स्वास्थ्य और भलाई को संबोधित करने में यौन शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है. व्यापक यौन शिक्षा बच्चों और युवाओं को मानव अधिकार, लिंग समानता, रिश्तों, प्रजनन, यौन व्यवहार के जोखिमों और बीमार स्वास्थ्य की रोकथाम पर आयु-उपयुक्त शिक्षा भी देती है. इसके अलावा सम्मान, समावेश, गैर-भेदभाव, समानता, सहानुभूति, जिम्मेदारी और पारस्परिकता के मूल्यों पर सकारात्मक दृष्टिकोण से जोर देता है.