RSS के मार्गदर्शन में बने राम मंदिर : अमरनाथ मिश्रा

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भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में राम मंदिर को लेकर मौलाना सलमान नदवी पर 5 हजार करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग करने का गंभीर आरोप लगाने वाले अमरनाथ मिश्रा को रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास से निष्कासित कर दिया गया है। इस बात को समिति के अध्यक्ष महंत जन्मेजय शरण की ओर से जारी किए गए पत्र द्वारा दी गयी। इस पत्र में कहा गया कि अमरनाथ मिश्रा को न्यास की नीतियों के विरूद्ध काम करने और बिना सहमति के बयान देने के कारण न्यास से निष्कासित कर दिया गया है।

आरएसएस के मार्गदर्शन में बनाएं मंदिर

इस मामले में जर्नलिस्टकैफे डॉट कॉम ने अमरनाथ मिश्रा से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि “हम राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए बहुत सी समितियों में काम कर रहे हैं और काम करते रहेंगे। आरएसएस के मार्गदर्शन में विश्व हिन्दू परिषद राम मंदिर बनाए और विश्व हिन्दू उसमें सहयोग करे, यही हमारा प्रयास है।“

उन्होंने कहा कि “जो हमारा बयान था उस पर कायम हैं, उसमें कोई परिवर्तन करेंगे नहीं। सौदेबाजी से राम मंदिर बनाने के पक्ष में कोई भी नहीं है, हम भी नहीं हैं। अगर कोई हमारे विरोध में बोल रहा है तो यह सब सौदेबाज लोग हैं।“

बयान के लिए देंगे 5 करोड़

अमरनाथ मिश्रा ने बताया कि समिति के महंत ज्ञानदास ने कहा कि कुछ साल पहले हम अमरनाथ मिश्रा के घर गए थे, तब उन्होंने कहा था कि आप बाबरी मस्जिद और राम मंदिर पर कुछ बोलिए। हम आपको 5 करोड़ रूपया देंगे।

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अमरनाथ ने कहा कि “आरएसएस के मार्गदर्शन में सभी लोग मिलकर संयुक्त रूप से रामजन्मभूमि पर राममंदिर बनाने के लिए सहयोग करें। यही हमारी कामना है।“

अयोध्या को मक्का बनाने का कर रहे प्रयास

महासचिव के पद से निष्कासित होने वाले अमरनाथ मिश्रा ने कहा कि “हमारी खिलाफत सलमान नदवी से है, जो बगदादी को अपना खलीफा मानते हैं, बगदादी का बड़ा सम्मान करते हैं, उनके पक्ष में उन्होंने अपनी मुबारकबाद भेजी थी। उन्होंने कहा कि जो अयोध्या को मक्का बनाने का प्रयास कर रहे हैं। हमारा विरोध उनसे हैं।“

उन्होंने कहा कि जो शख्स बगदादी का समर्थक हो और जो अयोध्या में मंदिर निर्माण का विरोध कर रहा हो, उसका अचानक कैसे हृदय परिवर्तन हो गया। सलमान नदवी को मुस्लिम वक्‍फ बोर्ड ने उनको निकाल दिया… अब तो मुस्लिम समुदाय और सुन्नी वर्क्फ बोर्ड भी उनके साथ नहीं हैं, तो वह अकेले क्या करेंगे, किससे बात करेंगे।“

अयोध्या को सुरक्षा का खतरा

उन्होंने कहा कि हिन्दू समुदाय और जो हिन्दुओं के मुख्य पक्षकार हैं, उन पक्षकारों से भी बात की जानी चाहिए।

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उन्होंने कहा कि “अयोध्या को नदवी जैसे लोगों से सुरक्षा का खतरा है।

अमरनाथ मिश्रा ने कहा कि “हमने तो एफआईआर की है, पुलिस उसकी जांच करेगी और जो सच होगा वह सामने आ जाएगा। सौदा करके मंदिर नहीं बनेगा, जो बात थी हमने सबको बता दी। आईजी को बता दिया, इंटेलीजेंस को बता दिया, मोहन भागवत जी को बता दिया, चंपत रायजी को बता दिया, विनय कटियार जी को बता दिया, श्री श्री रवि शंकर जी को बता दिया और शंकराचार्य जी को बता दिया। उन्होंने कहा कि सभी लोग सर्वसम्मति से यही बात कह रहे हैं कि सद्भावना से मंदिर बनाएंगे, समझौते से मंदिर नहीं बनाएंगे।“

“श्री राम, जय राम, जय जय राम”

उन्होंने कहा कि जब तक हिन्दू संघठनों में सहमति नहीं बनती है, क्योंकि सारे संघठन एक-दूसरे के खिलाफ काम कर रहे हैं, मंदिर नहीं बनेगा। “श्री राम, जय राम, जय जय राम” हम बोले हैं, तो हमें किसी संघठन की जरूरत नहीं है हमें।

उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में बहुत से मुस्लिम बोर्ड हैं, जिनसे मिलकर आप मंदिर बनवा सकते हैं।

अमरनाथ मिश्रा ने कहा कि कोई भी हिन्दू पक्षकार राममंदिर के निर्माण के लिए हमसे किसी प्रकार की सहायता, मदद मांगेगा, तो हम 24 घंटे तैयार हैं और हर तरीके से उसके साथ खड़े हैं।

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