अयोध्या: राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टियों की बैठक रविवार को मणिराम छावनी मंदिर में आयोजित की गई, जिसमें ट्रस्ट के वित्तीय लेखा-जोखा की जानकारी साझा की गई.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने बताया कि 5 फरवरी 2020 से 5 फरवरी 2025 के बीच ट्रस्ट ने सरकार को लगभग 400 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में अदा किए हैं. उन्होंने बताया कि इसमें से 270 करोड़ रुपये जीएसटी के तौर पर जमा किए गए, जबकि बाकी 130 करोड़ रुपये अन्य करों के रूप में दिए गए.
श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी
सचिव चंपत राय के अनुसार, अयोध्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में दस गुना वृद्धि हुई है. इसके चलते यह एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र बन गया है और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं. उन्होंने बताया कि महाकुंभ 2025 के दौरान 15 जनवरी से 28 फरवरी के बीच लगभग 1.26 करोड़ श्रद्धालु अयोध्या आए.
चंपत राय ने बताया कि ट्रस्ट के वित्तीय रिकॉर्ड्स का ऑडिट नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा किया गया है. ट्रस्ट का गठन 5 फरवरी 2020 को किया गया था, और तब से अब तक कुल 2150 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
ट्रस्ट ने अयोध्या विकास प्राधिकरण को नक्शे के लिए 5 करोड़ रुपये, भूमि पंजीकरण शुल्क के रूप में 29 करोड़ रुपये, बिजली बिलों में 10 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण निगम को 200 करोड़ रुपये का भुगतान किया है.
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जून तक पूरा हो जाएगा राम मंदिर
राम मंदिर निर्माण को लेकर भी बैठक में जानकारी दी गई. कहा गया कि रामलला का मंदिर जून तक तैयार हो जाएगा, जबकि परकोटा निर्माण का कार्य अक्टूबर तक चलेगा. शबरी निषाद और ऋषियों के सप्त मंदिर मई में और शेषा अवतार मंदिर अगस्त में पूरा हो जाएगा. मंदिर निर्माण का 96% कार्य पूरा हो चुका है और 30 अप्रैल तक सभी मूर्तियों की स्थापना कर दी जाएगी.
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नहीं होगा कोई मुख्य पुजारी
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राम मंदिर में कोई मुख्य पुजारी नहीं होगा. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गेस्ट हाउस बनाया जाएगा, जहां नाममात्र शुल्क पर यात्री रुक सकेंगे. मंदिर निर्माण के लिए लार्सन एंड टुब्रो को 1200 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.