शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ मामले दर्ज करने के आदेश

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पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जीवन भर के लिए प्रधानमंत्री पद के अयोग्य करार कर दिया है। यह फैसला पनामा पेपर मामले में एक जांच समिति द्वारा शरीफ के परिवार की संपत्ति को आय से कई गुना अधिक पाए जाने के बाद आया है। शीर्ष अदालत ने शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ  मामले दर्ज करने के भी आदेश दिए हैं।

पांच न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुनाया कि शरीफ संसद और अदालत के प्रति ईमानदार नहीं रहे और वह प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के योग्य नहीं हैं।

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि पीठ ने शरीफ को जीवन भर के लिए अयोग्य करार दिया है।

कार्यान्वयन पीठ के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एजाज अफजल खान ने कहा कि संयुक्त जांच दल (जेआईटी) द्वारा एकत्रित सभी सबूतों को छह सप्ताह के भीतर एक जवाबदेही अदालत के पास भेजा जाएगा।

उन्होंने कहा कि मरियम नवाज (शरीफ की बेटी), कप्तान मुहम्मद सफदर (मरियम के पति), हसन और हुसैन नवाज (प्रधानमंत्री शरीफ के बेटों) के साथ-साथ प्रधानमंत्री शरीफ के खिलाफ मामलों पर कार्रवाई होनी चाहिए और 30 दिनों के भीतर कोई फैसला सुनाया जाएगा।

न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा, न्यायमूर्ति गुलजार अहमद, न्यायमूर्ति शेख अजमत सईद, न्यायमूर्ति इजाजुल अहसान व न्यायमूर्ति एजाज अफजल खान की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इस्लामाबाद स्थित सर्वोच्च न्यायालय की अदालत संख्या-1 में फैसला सुनाया।

अदालत ने राष्ट्रपति ममनून हुसैन से भी आग्रह किया कि वह देश के मामलों का प्रभार अपने हाथों में ले लें। यह तीसरी बार है, जब नवाज शरीफ अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं।

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि 2018 में होने वाले अगले आम चुनाव तक इस पद पर किसे नियुक्त किया जाएगा। खंडपीठ ने वित्तमंत्री इशाक डार और नेशनल एसेम्बली के सदस्य कप्तान सफदर को भी पद के अयोग्य घोषित कर दिया।

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