काला जादू का क़हर, 26 साल गिरफ्त में कैद रहा युवक ….

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”अरे भूत प्रेत या काला जादू जैसा कुछ नहीं होता…” ”यह तो अज्ञानता है…” ”भला कोई किसी के वश में कैसे हो सकता है..” ऐसी तमाम बातें हम अक्सर अपने आस पास के लोगों से सुनते है, जब बात काला जादू या भूत प्रेत को लेकर होती है. लोगों का मानना है कि, यह सिर्फ एक तरह का अंधविश्वास की देन है और कम पढे लिखे इलाकों में इनको अपनाया जाता है, यदि आप भी इन सभी ख्यालों से ताल्लुक रखते है तो, यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी हो जाती है.

क्योंकि, हमें ऐसा लगता है कि, भारत में ही इन दकियानुसी बातों का आज तक हम ढोते आ रहे है, लेकिन ऐसा नहीं काला जादू के विद्या है, जिसे भारत ही नहीं बल्कि बाहर के कई सारे ऐसे देशों में भी किया जाता है, जो अपने आप में विकसित देशों में गिने जाते है. इसका प्रमाण में अल्जीरिया से सामने आया किडनैपिंग का एक अद्भुत मामला, जिसमें किडनैपर ने पीडित युवक को एक नहीं दो नहीं बल्कि पूरे 26 सालों तक काला जादू के दम उसे कैद करके रखा.

19 साल में अपहरण 26 साल में रिहाई 

आज से तकरीबन 26 साल पहले जब अल्जीरिया में गृहयुद्ध चल रहा था, यह बात साल 1998 की है जब 19 साल का एक युवक अचानक से लापता हो गया. युवक के गायब हो जाने से परेशान उसके परिवारवालों ने उसकी तलाश शुरू कर दी, काफी खोज के बाद जब वह नहीं मिला तो, उन्होने इसकी सूचना पुलिस को दी. लेकिन काफी तलाश के बाद भी कुछ न हासिल होने के बाद युवक के परिवार वालों ने उसे मृत समझ लिया और उसकी तलाश बंद कर दी. इस बीच आज 26 सालों बाद वही लापता युवक उनके पडोसी के घर से निकला. जानकारी के अनुसार, अपहरणकर्ता का घर उनके घर से 200 मीटर की दूरी पर ही था. लेकिन फिर भी पीडित युवक उससे बचकर भाग नहीं पाया, इसकी वजह काला जादू बताई जा रही है.

26 साल कैद में रहने से सदमें में है उमर

एक बेहद लम्बी कैद में रहने के बाद तहखाने से बाहर आया उमर सदमें में है, पुलिस ने आरोपी पड़ोसी को गिरफ्तार कर लिया है. वही फेसबुक पोस्ट में उमर के भाई खालिद ने कहा है कि, फिलहाल उमर की हालत ठीक है, लेकिन 26 साल से कैद में रहने की वजह से वह सदमे में है. उसका साइकोलॉजिकल ट्रीटमेंट चल रहा है. वही इस मामले को लेकर अल्जीरिया के न्याय मंत्रालय ने बताया है कि, आरोपी पास के ही शहर एल गुएडिड की नगर पालिका में दरबान का काम करता था, उसका अपने भाई से किसी प्रापर्टी को लेकर झगड़ा चल रहा था, इसी के चलते उसके भाई ने उमर के बारे में जानकारी सोशल मीडिया पर डाल दी और उन्होने लिखा कि, उमर जिंदा है और अच्छी हालत में है.

घर एक गड्डे में कैद था उमर

सोशल मीडिया की इस पोस्ट के बाद उसके आसपास के लोगो में यह बात आग की तरह फैलने लगी और उमर के परिवार वाले उसे ढूंढने में लग गए, काफी मशक्कत के बाद जब उमर के परिवार वालों को आरोपी के घर का पता चला तो, वे दरवाजा तोड़कर घर के अंदर घुस गए. यहां भी काफी ढूंढने के बाद उन्हे उमर के घर के अंदर एक गड्डे में सूखी घास के नीचे छिपाया हुआ मिला. 19 साल की उम्र में लापता हुए उमर को 45 साल की उम्र में अपहरण से मुक्त कराया गया, अपहरण कर्ता के चुंगल से उसे छुड़वाकर इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया है.

धोखाधड़ी की श्रेणी में रखा जाता है जादू टोना

देश में बढ़ता काला जादू कई देशों के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा है, भारत ही नही बल्कि काला जादू का शिकार दुनिया के बाकी कई देश हो रहे है. जिनमें फिलीपीन्स, इराक, मेक्सिको, उत्तरी जर्मनी, यूएसए जैसे कई सारे देशों में जादू टोने का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसका प्रचार बेशक हमारे फायदे को दिखाते हुए किया जाता हो, लेकिन कई मामलों में इसका इस्तेमाल गलत फायदा उठाने को लेकर किया जाता है.

इसको लेकर साल 2016 में इराक सरकार ने चिंता व्यक्त की थी. उस समय इराक में कम से कम 5000 से ज्यादा काला जादू में शामिल बताए जा रहे थे, लोग इसका इस्तेमाल नौकरी, विवाह यहां तक की सैन्य समस्या के समाधान के लिए भी करते थे. इसपर रोक लगाने के लिए इराक सरकार ने अल-मादा न्यूज़ पोर्टल से कहा कि जादू-टोना करने पर क़ानून की धारा 248 के तहत प्रतिबंध लगाया गया है. इन्हें अनुच्छेद 46 के तहत ‘ढोंगी’ माना गया है.

लेकिन इसके बाद भी इराक गृह मंत्रालय का मानना है कि, काला जादू और जादू टोने को तभी खत्म किया जा सकता है, जब लोग सांस्कृतिक मूल्यों की तरफ लौटेगे और नागरिक धार्मिक और सामाजिक नियमों का पालन करेंगे. जहां जादू टोने को धोखाधड़ी की श्रेणी में रखा जाता है.

हर साल भारत में काला जादू के कितने मामले आते है सामने ?

यह वास्तव में हैरान कर देने वाले आंकड़े होगें क्यों कि, देश के सबसे ज्यादा काला जादू के मामले भारत के पढे लिखे राज्यों से सामने आते है. साक्षरता के बावजूद उन राज्यों में काला जादू का अंधविश्वास आज भी काफी हावी है. हालांकि, हमारे देश में भी इराक की तर्ज पर इसके खिलाफ कानून बनाने को लेकर मांग उठने लगी है. केरल में साल 2019 में इसको लेकर बिल बनाया भी गया था, लेकिन वह बिल विधानसभा में पेश न हो सका. इस बिल में काला जादू और मानव बलि को रोकने का प्रावधान था. वही अगर हर साल काला जादू के मामलों के आंकड़ो पर नजर डाले तो, नेशनल क्राइम रिकॉर्डस ब्यूरो यानी एनसीआरबी के साल 2012 से 2021 के आंकड़ो के अनुसार, जादू टोने से 10 सालों में एक हजार से ज्यादा लोगों अपनी जान गंवा देते है.

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क्या देश में काला जादू के खिलाफ है कोई कानून ?

फिलहाल देश में अंधविश्वास, काला जादू, जादू टोना या मानव बलि के खिलाफ कोई कानून नही है, जो देश में लागू हो. लेकिन भारतीय पीनल कोड (IPC) में कुछ धाराएं ऐसे अपराधों को सजा देती हैं. धारा 302, हत्या की सजा, लागू होगी अगर मानव बलि दी जाती है इसके अतिरिक्त, केस धारा 295A के तहत भी दर्ज किया जा सकता है. ये धारा तब लगाई जाती है जब जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश की जाती है.

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