International Tea Day: शाम की चाय के साथ जाने अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस का इतिहास और महत्व
International Tea Day: आज चाय प्रेमियों का दिन है, क्योंकि आज देश ही नहीं बल्कि दुनिया में अंतराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जा रहा है और आज ही क्यों हर साल 21 मई को दुनिया भर में इंटरनेशनल चाय दिवस मनाया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस अर्थिक और सांस्कृतिक महत्व का जश्न मनाने के लिए हर साल मनाया जाता है. चाय के इतिहास, उत्पादन, खपत और स्वास्थ्य लाभों सहित चाय के विभिन्न पहलुओं के बारे में लोगों को जागरूक करना इस दिवस का लक्ष्य होता है. इसके अलावा, यह दिन चाय के वैश्विक महत्व को दर्शाता है तो चलिए इस दिन का इतिहास और महत्व जानते हैं…
साल 2005 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस भारत की राजधानी नई दिल्ली में मनाया गया था, लेकिन यह बाद में इंडोनेशिया, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, वियतनाम, केन्या, मलावी, मलेशिया, युगांडा और तंजानिया जैसे चाय उत्पादक देशों में भी मनाया जाने लगा. भारत सरकार ने 2015 में चाय पर एफएओ अंतर-सरकारी समूह के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस का पालन करने का प्रस्ताव रखा, जो विश्व स्तर पर चाय की अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए कई प्रयासों का नेतृत्व करता है. दस साल बाद भारत ने इस प्रस्ताव को लागू किया और 21 मई को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस के रूप में घोषित किया गया था.
क्या है चाय दिवस का इतिहास ?
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि, यह सबूत है कि 5,000 साल पहले चीन में चाय का सेवन किया जाता था, वही चाय दिवस की कहानी कहती है कि, चीनी सम्राट शेन नुंग ने इसका स्वाद पहली बार चखा था. जब वह और उसके सैनिक एक पेड़ के नीचे आराम करने रुके तो, कुछ चाय की पत्तियां हवा में उड़ गईं और उबलते पानी के एक बर्तन में गिर गईं. जिसके बाद उन्होने वह पानी चखा और उन्हे काफी पसंद आया और फिर आज चाय दुनिया में सबसे अधिक पीने वाला पेय बन गया.
पहली बार चाय की खोज 2737 ईसा पूर्व में चीन द्वारा की गयी थी, आज यह एशियाई संस्कृति में एक महत्वपूर्ण पेय पदार्थ बन गया है. औषधीय उपचार में बदलने से पहले चाय धार्मिक अनुष्ठानों का एक प्रतीकात्मक हिस्सा था. साल 1824 में अंग्रेजों ने दार्जिलिंग, नीलगिरी और असम में चाय की खेती शुरू की थी, जो चीन से चाय उत्पादन का अधिकार चुनौती देता था. आज भारत में 900,000 टन चाय कथित तौर पर उत्पादित होती है.
इंटरनेशनल चाय दिवस का महत्व ?
विभिन्न देशों की संस्कृतियों में चाय का इतिहास काफी बड़ा है, चाय इन देशों में एक लोकप्रिय पेय है और कई समाजों में सामाजिक रीति-रिवाजों, समारोहों और आतिथ्य में महत्वपूर्ण योगदान देती है. दुनिया भर में खासतौर से चाय उगाए जाने वाले क्षेत्रों में चाय उद्योग लाखों लोगों की आजीविका का एक बड़ा स्रोत है. अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस का उद्देश्य स्थायी चाय उत्पादन और निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को बढ़ावा देना और चाय क्षेत्र के आर्थिक महत्व को समझना है.
अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस का उद्देश्य चाय के व्यापार में स्थिरता, उत्पादन और खपत को बढ़ावा देना है, इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण की आदतों को प्रोत्साहित करता है. इसके अलावा, इसका मुख्य उद्देश्य चाय उत्पादन क्षेत्रों में सामाजिक विकास को बढ़ावा देना है और काम करने वाले लोगों को उचित वेतन देना है. चाय, विशेष रूप से हरी और हर्बल चाय कई स्वास्थ्य लाभों से जुड़ी हुई है क्योंकि यह फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर है, जो आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं. इंटरनेशनल चाय दिवस भी चाय पीने के संभावित स्वास्थ्य लाभों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है.