ओखी तूफान: तमिलनाडु ने केन्द्र से 9300 करोड़ रुपये मांगे

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ओखी तूफान प्रभावित तमिलनाडु ने आज राज्य में पुनर्वास कार्यों के लिए 9300 करोड़ रुपये के केन्द्रीय राहत पैकेज की मांग की। मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 9302 करोड़ रुपये की राहत राशि के लिए ग्यापन सौंपा। प्रधानमंत्री तूफान के बाद की स्थिति का जायजा लेने आज इस जिले में आए थे। पलानीस्वामी ने कहा कि तमिलनाडु चाहता है कि केन्द्र तूफान की गंभीरता को देखते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करे।

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बाढ से नुकसान रोकने के लिए स्थायी उपाय किये जायेगें

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कन्याकुमारी में स्थायी पुनर्वास उपायों को लागू करने के लिए 5255 करोड़ रुपये जबकि उारपूर्वी मानसून प्रभावित राजधानी चेन्नई सहित राज्य के अन्य भागों के लिए 4047 करोड़ रुपये की राहत मांगी। पलानीस्वामी ने कहा कि चेन्नई और अन्य तटीय जिलों में बाढ के कारण नुकसान की पुनरावृत्ति रोकने के लिए स्थायी उपाय किये जाएंगे। चेन्नई, कांचीपुरम, तिरूवल्लूर, कडलूर, तूतीकोरिन और नागापानम में अक्तूबर नवंबर में उार पूर्व मानसून की बारिश से जलभराव और बाढ की स्थिति पैदा हो गई थी।

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747 करोड़ रुपये तत्काल जारी करने का अनुरोध

पलानीस्वामी ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री को स्थानीय मछुआरों की हैलीपेड सुविधा के साथ विशेष वायुसेना स्टेशन की पुरानी मांग से भी अवगत कराया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने संचार सुविधाओं तथा शीतगृह के साथ एकीकृत मत्स्य संरक्षण स्थल की भी मांग की। पलानीस्वामी ने कहा, प्रधानमंत्री ने कहा कि वह मांगों पर विचार करेंगे। इस बीच, राज्य सरकार ने मोदी को मुख्यमंत्री के ग्यापन का हवाला देते हुए कहा कि तमिलनाडु ने कन्याकुमारी में पुनर्वास प्रयासों के लिए 747 करोड़ रुपये तत्काल जारी करने का अनुरोध किया।

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आपदा राहत सहायता को बढाने जाने की मागं

इसमें केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में दी जाने वाली आपदा राहत सहायता को बढाने का भी अनुरोध किया गया। तमिलनाडु ने बिजली और संचार नेटवर्क सहित अन्य क्षेत्रों में सहायता की भी मांग की। राज्य सरकार ने तटीय क्षेत्रों में नियंत्रण कक्षों की स्थापना के अलावा 90 प्रतिशत केन्द्रीय सहायता के साथ 1500 उच्च वायरलैस सेट की भी मांग की। पलानीस्वामी ने लापता मछुआरों की खोज एवं उनके बचाव कार्य के बारे में कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार युद्धस्तर पर यह कार्य कर रही हैं।

साभार: (नवभारत टाइम्स )

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