एक सितम्बर से देश में नया मोटर व्हीकल एक्ट 2019 लागू हो चुका है, जिसके तहत इस एक्ट के नए नियम, जुर्मानों और सजा को लेकर आम जनता में उहापोह की स्थिति नजर आ रही है। दरअसल, एक्ट के संशोधन के बाद गलत ड्राइविंग करने वालों को भारी जुर्माना देना होगा और साथ ही जेल जाने की भी नौबत आ सकती है। गौरतलब है कि, संशोधित बिल रोड सेफ्टी और हादसों की संख्या में कमी लाने के लिए बहुत सख्त किया गया है। सरकार बड़े जुर्माने लगाकर लोगों में नियमों को लेकर अनुशासन लाना चाहती है। जानकार बताते हैं कि, यह संशोधित कानून देश के 30 साल पुराने ट्रांसपोर्टेशन लॉ में बड़ा बदलाव लाएगा। कानून बनने से ये यातायात नियमों में कई बड़े बदलाव हुए हैं। जिन्हें आम आदमी को ध्यान में रखना होगा।
गौरतलब है कि, नए मोटर व्हीकल एक्ट में वाहन निर्माता कंपनी और सड़क बनाने वाले ठेकेदार की जिम्मेदारी भी तय होगी। गाड़ी निर्माण में गड़बड़ी पर वाहन निर्माता कंपनी पर 100 करोड़ रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। साथ ही खराब सड़क निर्माण पर ठेकेदार पर एक लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नए कानून में मोटर दुर्घटना कोष की स्थापना की व्यवस्था है, जो सड़क का इस्तेमाल करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अनिवार्य बीमा कवर देगा।
ये हैं मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के नियम:
- नए मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक ड्राइविंग लाइसेंस (DL) और व्हीकल रजिस्ट्रेशन के लिए आधार अनिवार्य होगा।
- बगैर हेलमेट या ओवरलोड दोपहिया वाहन पर 3 महीने के लिए ड्राइवर लाइसेंस अयोग्य।
- बगैर हेलमेट पर 1 हजार रुपए और ओवर लोडिंग पर दो हजार रुपए जुर्माना।
- नाबालिग के वाहन चलाते समय हादसा होने पर अभिभावक को 25 हजार रुपए का जुर्माना भरने के साथ-साथ 3 साल की सजा हो सकती है, साथ ही जुवेनाइल एक्ट के तहत मामला चलेगा।
- अब हिट-एंड-रन के केस में सरकार पीड़ित के परिजनों को 2 लाख या इससे ज्यादा का मुआवजा देगी।
- ये रकम फिलहाल 25,000 है।
- अथॉरिटी के आदेशों के उल्लंघन पर जुर्माना 500 से बढ़ाकर 2,000 रुपए।
- लाइसेंस के बिना अनाधिकृत वाहन इस्तेमाल करने पर जुर्माना 1,000 से बढ़ाकर 2,000 रुपए।
- लाइसेंस के बिना गाड़ी चलाने पर जुर्माना 500 से बढ़ाकर 5,000 रुपए।
- ड्राइविंग क्वालिफिकेशन के बिना ड्राइव करने पर जुर्माना 500 से बढ़ाकर 10,000 रुपए।
- ओवरसाइज्ड व्हीकल पर 5,000 का जुर्माना।
- ओवर स्पीडिंग पर जुर्माना 400 से बढ़ाकर LMV के लिए 1000 का जुर्माना।
- मीडियम पैसेंजर व्हीकल के लिए 2,000 का जुर्माना।
- खतरनाक ड्राइविंग करने पर जुर्माना 1,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपए।
- शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 2 हजार की बजाय 10 हजार रुपए जुर्माना लगेगा।
- स्पीडिंग या रेसिंग करने पर 2,000 नहीं 10,000 हजार भरने होंगे।
- बिना परमिट के गाड़ी चलाने पर 5000 से बढ़ाकर 10,000 रुपए।
- कैब एग्रीगेटर्स जैसे ओला, उबर के वाहन लाइसेंसिंग शर्तों के उल्लंघन पर कंपनियों पर 25,000 से 1 लाख रुपए तक का जुर्माना।
- सीट बेल्ट न लगाने पर जुर्माना 100 रुपए से बढ़ाकर 1,000 रुपए।
- एंबुलेंस जैसी आपातकालीन गाड़ियों को रास्ता न देने पर 10,000 रुपए का जुर्माना या फिर 6 माह की जेल।
- बिना इंश्योरेंस के 1,000 से जुर्माना बढ़ाकर 2,000 रुपए।
- थर्ड पार्टी बीमा भी अब जरूरी है।
- ड्राइवर और क्लीनर का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होगा।
- हादसे में मृत्यु पर 50 हजार से 5 लाख रुपए तक मुआवजे का प्रावधान किया गया है।
- अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत पर 25 हजार से 2 लाख और घायल होने पर साढ़े 12 से 50 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।
- मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड बनाया जाएगा, जिसमें सड़क पर चलने वाले सभी चालकों का इंश्योरेंस होगा।
- इसका इस्तेमाल घायल के इलाज और मृत्यु होने पर परिजनों को मुआवजा देने के लिए किया जाएगा।
- हादसे में घायल का फ्री में इलाज करना होगा।
- लर्निंग लाइसेंस के लिए पहचान पत्र का ऑनलाइन वेरीफिकेशन अनिवार्य।
- कॉमर्शियल लाइसेंस 3 के बजाय 5 साल के लिए मान्य होंगे।
- लाइसेंस रिन्यूवल अब खत्म होने के एक साल के अंदर कराया जा सकेगा।
- ड्राइवरों की कमी पूरी करने के लिए ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल खोले जाएंगे।
- नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन डीलर करेगा।
तीन राज्यों में लागू नहीं हुआ है मोटर व्हीकल एक्ट 2019:
एक सितम्बर से जहां पूरे देश में मोटर व्हीकल एक्ट लागू हो चुका है। वहीँ, तीन राज्यों ने अपने यहां मोटर व्हीकल एक्ट को लागू नहीं किया है। इन तीन राज्यों में से एक जहां भाजपा शासित प्रदेश है तो, दो गैर भाजपा शासित राज्य। ज्ञात हो कि, मोटर व्हीकल एक्ट लागू न करने वाले तीन राज्यों में हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
एक्ट को लेकर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार का तर्क है कि, वह संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट में किए गए जुर्माने के भारी प्रावधानों से सहमत नहीं है। इसलिए राज्य में फिलहाल इसे लागू नहीं किया गया है। हालांकि, राजस्थान में कांग्रेस की ही गहलोत सरकार ने संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को लागू कर दिया है। इस संबंध में बीते रविवार को जानकारी देते हुए गहलोत सरकार के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा था कि, उन्होंने नए मोटर व्हीकल एक्ट को लागू तो कर दिया है, लेकिन वह जुर्माने की समीक्षा करेंगे।
वहीँ, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि, एक्ट के संशोधित जुर्माने की राशि आम आदमी की पहुंच से बाहर है।
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