योगी राज में खनन माफियाओं ने की पत्रकार की हत्या

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योगी सरकार में एक पत्रकार को लखीमपुरखीरी में खनन माफियाओं ने ट्रैक्टर से कुचलकर मौत के घाट उतार दिया। दरअसल बेहजम कस्बा थाना नीमगॉव पत्रकार पिन्टू मिश्रा उर्फ शैलेन्द्र मिश्रा की खनन माफियाओं ने ट्रैक्टर से कुचलवाकर हत्या करवा दी। हत्या करने वाला ड्राइवर ट्रैक्टर लेकर फरार हो गया।

खनन की ख़बर लिखने पर पत्रकार को ट्रैक्टर से कुचलकर मारा

लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का हक है। लेकिन लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहे जाने वाले पत्रकार और पत्रकारिता का जो हश्र यूपी के लखीमपुर खीरी में हुआ। उसे देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि योगी सरकार माफियाराज को लेकर कितनी सजग है।दरअसल आरोप है कि अवैध खनन की ख़बर लिखने पर पिन्टू मिश्रा उर्फ शैलेन्द्र मिश्रा को खनन माफियाओं ने मौत के घाट उतार दिया। पत्रकार शैलेश मिश्रा ने अवैध खनन की शिकायत कई बार सरकार अवैध खनन की शिकायत की थी। उन्हें अंदाजा नहीं था कि शिकायत करने और अवैध खनन के खिलाफ लिखने की सजा ‘मौत’होगी।

परिवार का आरोप- शिकायत पर अधिकारियों ने नहीं दिया ध्यान

मृतक पत्रकार के पुत्र ने आरोप लगाते हुए कहा कि उसके पिता ने खीरी में अवैध खनन के कारोबार की शिकायत अधिकारियों से कर दी। जिससे आरोपी ने उसके पिता को बेहजम चौराहे पर घेरकर धमकाने लगा। और जान से मारने की नियत से ट्रैक्टर पत्रकार के ऊपर चढ़ा दिया, जिसके बाद पत्रकार की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं पुलिस का कहना है कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। जबकि स्थानीय लोगों के अनुसार, मिला पुलिस के मिली भगत के अवैध खनन का कारोबार संभव ही नहीं है। माफियाओं और पुलिस की मिलीभगत से हो रहे अवैध खनन कारोबार पर खबर लिखना पत्रकार को इतना भारी पड़ेगा, उन्होंने नहीं सोचा होगा।

वारदात के कई घंटे बाद भी मौके पर नहीं पहुंचे अधिकारी

पत्रकार की मौत के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट गया। नाराज ग्रामीणों ने इक्कठा होकर चार घन्टे तक सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। बताया जा रहा है हत्या के लगभग साढ़े तीन घन्टे तक मृतक पत्रकार का शव सड़क पर पड़ा रहा लेकिन जिले का कोई आला अधिकारी घटमा स्थल पर नही पहुंचा। वहीं थाना प्रभारी संजय सिह ने बताया कि लिखित शिकायत मिलने पर नामजद मुकदमा पंजीकृत कर अपराधियों को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है।

बीजेपी ने कानून व्यवस्था पर किए थे बड़े दावे

पिछले कुछ सालों में भ्रष्टाचार को लेकर तमाम पार्टियों ने आवाज बुलंद कर ये जताने की कोशिश की है कि वो देश से भ्रष्टाचार ख़त्म करने के लिए सत्ता में आना चाहती हैं। यूपी चुनाव के दौरान भी तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार पर भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी, माफियाराज, जंगलराज, अपराध को बढ़ावा देने का आरोप लगा था।इसी कारण यूपी की जनता ने भाजपा को भारी बहुमत देकर सत्ता सौंपी थी। यूपी की जनता को उम्मीद है कि अब उन्हें भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी, माफियाराज, जंगलराज से मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन यूपी में जो रहा है उसे देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यूपी में माफियाराज है या चुनावी भाषणों में बोला जाने वाला ‘रामराज्य’?

 

 

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