एक वॉचमैन कैसे बन गया बॉलीवुड का बादशाह, जानें कैसा है नवाजुद्दीन का सफर

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दुनिया में ऐसा शायद ही कोई इंसान होगा जिसकी कोई हसरत न हो। सभी इंलानों के दिलों में एक ख्वाहिश होती है कि वो क्या चाहता है। हम अपने भविष्य को लेकर कहीं न कहीं उसे पाने की जद्दोजेहद करते हैं। लेकिन अपनी ख्वाहिशों को कुछ लोग ही पूरा करने में कामयाब होते है। क्योंकि  सपने देखना और सपने को पूरा करना दो अलग बाते हैं। और दोनों में जमीन आसमान का फर्क होता है। सपने तो हर कोई देखता है कि वो दुनिया में कुछ ऐसा कर जाए जिससे पूरी दुनिया में उसका नाम हो जाए। लेकिन उस नाम को पूरी दुनिया में पहुंचाने के  लिए कुछ अलग करने की भी जरुरत होती है।

जब तक आप के  अंदर अच्छी सोच और लगन नहीं होगी तब तक आप अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर सकते। कुछ लोग अपने सपने को ही अपने जीने का आधार बना लेते हैं। ऐसे लोग ही जीवन में उस बुलंदियों को छूते है जहां से उन्हें सारा जमाना देखता है। कुछ ऐसी ही कहानी है हमारे आज के इस सफल इंसान की जिसने  अपने हाथों से अपनी किस्मत और इतिहास का पन्ना लिखा है।

हम बात  कर रहे हैं, एक ऐसे शख्स की जिसके बारे में आप भी अच्छी तरह से जानते हैं। जी हां अभिनय की दुनिया में अपना लोहा मनवाने वाले और दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी की। नवाजुद्दीन सिद्दीकी की लाइफ में भी कुछ कम मुश्किलें नहीं थी। उन्होंने जिंदगी का वो दौर देखा है जब उनके पास खाने और रहने के लिए पैसे और घर नहीं हुआ करता था।

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लेकिन नवाजुद्दीन ने इन्हीं मुश्किलों को अपना सबसे बड़ा हथियार बना कर आगे बढ़ते रहे और आज बिना किसी गॉडफादर के बॉलीवुड की दुनिया में अपना परचम लहराने में कामयाब हो गए है। । नवाज का जन्म उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हुआ था। इनके पिता एक किसान थे।

नवाज ने जब अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की उसके बाद एक पेट्रोकेमिकल कंपनी में केमिस्ट के तौर पर काम किया। कुछ और नया पाने की, कुछ नया करने की चाहत दिल्ली खींच लाई। लेकिन यहां आकर सच से सामना हुआ और एक सोसाइटी में वॉचमैन की नौकरी मिली।

कुछ वक्त तक यही नौकरी करते रहे क्योंकि दिल्ली में जीने खाने के लिए काम करना जरूरी था। फिर कहीं से थिएटर का पता लगा तो देखना शुरू कर दिया। यहां से थिएटर में इंटरेस्ट आया तो एनएसडी में दाखिले की तैयारी में लग गए और दाखिला मिल गया। लेकिन यहां के बाद असली स्ट्रगल शुरू होती है। कोर्स पूरा करने के बाद एक्टर बनने की चाहत में नवाज मुंबई पहुंच गए और शुरू हुआ जिन्दगी का असली संघर्ष।

नवाज को एक बार फिर मुंबई ने संघर्ष के मैदान में खड़ा कर दिया था। शुरूआती दौर में भीड़ वाले किरदार मिलते, कहीं भीड़ में खड़े होने का तो कहीं हीरो से पिटने का रोल मिल जाता।लेकिन नवाज ने हार नहीं मानी और लगे रहे। आज तकरीबन डेढ़ दशक बीतने के बाद नवाजुद्दीन बॉलीवुड के सबसे जाने-माने और टैलेंटेड कलाकारों में से एक हैं। आज देश ही नहीं दुनिया भर में नवाज के टैलेंट का लोहा मानते हैं लोग।

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