मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार सुबह निधन हो गया। 85 वर्षीय लालजी टंडन लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बीते कुछ दिनों से वह लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे।
लालजी टंडन की छवि एक बड़े नेता के रुप में रही। लालजी टंडन को उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई अहम प्रयोगों के लिए भी जाना जाता है।
90 के दशक में प्रदेश में बीजेपी और बसपा की गठबंधन सरकार बनाने में भी उनका अहम योगदान माना जाता है।
लालजी को भाई मानती थीं मायावती-
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती उन्हें राखी बांधती थीं। दरअसल, उत्तर प्रदेश के चर्चित गेस्ट हाउस कांड के समय लालजी टंडन ने मायावती की जान बचाई थी।
यही कारण है कि बहनजी उन्हें अपना भाई मान बैठी थीं और राखी बांधती थीं। बता दें, 90 के दशक में जब उत्तर प्रदेश में भाजपा और बसपा की सांंझी सरकार बनी थी, तब इसमें लालजी टंडन का अहम योगदान था।
ऐसा था निजी जीवन-
लालजी टंडन का जन्म 12 अप्रैल 1935 में हुआ था। अपने शुरुआती जीवन में ही लालजी टंडन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे। उन्होंने स्नातक तक पढ़ाई की। इसके बाद 1958 में लालजी का कृष्णा टंडन के साथ विवाह हुआ।
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