पडोसी देश से बनी भारत की सहमति, विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान…
भारत -चीन के बीच जारी है 2020 से तनाव
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कण्ट्रोल ( LAC) को लेकर नई सहमति बन गई है. इसको लेकर विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है. विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कहा कि भारत और चीन के बीच करीब एक हफ्ते से चल रही राजयनिक और सैन्य स्तर की वार्ता हो रही थी जिसको लेकर अब चीन के साथ समझौता हो गया है. सैनिकों की वापसी और स्थिति के समाधान के लिए पेट्रोलिंग की व्यवस्था की गई है.
विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान…
द्विपक्षीय प्रेसवार्ता में विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कहा कि- हम अभी भी समय के अनुरूप काम कर रहे हैं. देश में पिछले कई हफ़्तों से चर्चा के बीच एलएसी पर पेट्रोलिंग की सहमति बनी है. 2020 में मुद्दे उठे थे, उन पर अब काम हो रहा है. कहा जा रहा है कि सीमा के मुद्दों को सुलझाने के लिए कई दिनों से दोनों देशों के अधिकारी संपर्क में हैं.
2020 से जारी है तनाव…
बता दें कि साल 2020 के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव जारी है. इसी तनाव के चलते साल 2020 में गलवान घाटी में 20 सैनिक शहीद हुए थे, जबकि बड़ी संख्या में चीनी सैनिक भी घायल हुए थे.
चीन के साथ विवाद का 75 फीसद हल निकला…
गौरतलब है कि विदेश मंत्री जयशंकर ने 12 सितंबर को स्विट्जरलैंड के शहर जेनेवा में एक समिट के दौरान कहा था कि चीन के साथ विवाद का 75% हल निकल गया है. विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि सीमा पर बढ़ते सैन्यीकरण का मुद्दा अभी भी गंभीर है. जयशंकर ने कहा कि 2020 में चीन और भारत के बीच गलवान में हुई झड़प ने दोनों देशों के रिश्तों को बुरी तरह प्रभावित किया है. सीमा पर हिंसा होने के बाद कोई यह नहीं कह सकता कि बाकी रिश्ते इससे प्रभावित नहीं होंगे.
हालांकि, 25 सितंबर को न्यूयॉर्क में एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट में उन्होंने 75% विवाद हल होने वाले अपने बयान को लेकर सफाई दी. उन्होंने कहा, ‘मैंने यह बात सिर्फ सैनिकों के पीछे हटने के संदर्भ में कही थी न कि चीन के साथ संबंध में.
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गलवान घाटी में क्या हुआ था…
बता दें कि 15 जून 2020 में चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था. जिसके बाद कई जगह घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं. भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे. हालात इतने खराब हो गए कि LAC पर गोलियां चलीं.
इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. बाद में भारत ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था जिसमें करीब 60 चीनी जवान मारे गए थे.
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Bricks सम्मलेन में हो सकती है मोदी की जिनपिंग से मुलाकात…
कहा जा रहा है कि ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने जा रहे पीएम मोदी की मुलाकात चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से हो सकती है.2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद से दोनों नेताओं ने सीधे तौर पर कोई बातचीत नहीं की है. हाल के महीनों में हुए कूटनीतिक प्रयास इस बात का संकेत दे रहे हैं कि दोनों देश अपने रिश्तों को सुधारने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं. भारत और चीन के संबंधों को सुधारने में पर्दे के पीछे रूस की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.