Agra: उत्तर प्रदेश के जनपद आगरा के अछनेरा के तुरकिया गांव में हुए सामूहिक हत्याकांड में फांसी की सजा पाएं गंभीर सिंह को कोर्ट ने बरी क़र दिया है. इस फैसले के बाद वह आगरा जेल से रिहा हो गए. उन्होंने जेल से बाहर आने के बाद कहा कि, हमे भगवान पर भरोसा था. भगवान के यहां देर है अंधेर नहीं. इतना ही नहीं उन्होंने उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग भी की है.
2012 में हुआ था सामूहिक हत्याकांड…
बता दें कि साल 2012 में आगरा के गांव तुरकिया में नौ मई को सत्य प्रकाश उनकी पत्नी पुष्पा और चार बच्चों की सामूहिक की हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में पुलिस ने सत्यप्रकाश के भाई गंभीर सिंह को जेल भेज दिया था. स्थानीय अदालत ने उसे मृत्यु दंड की सजा सुनाई थी. मामला हाईकोर्ट पहुंचा जहां सजा को बरकरार रखा गया. पुलिस द्वारा विवेचना में लापरवाही और ठोस साक्ष्य पेश नहीं कर पाने पर सर्वोच्च न्यायालय ने 27 जनवरी को उसे बरी कर दिया था.
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गंभीर सिंह से अपनों से रहे दूर…
बता दें कि गंभीर सिंह की रिहाई के बाद उसका सगा या रिश्तेदार कोई भी उन्हें जेल में लेने नहीं आया था. कहा जा रहा है कि जेल से बाहर आने के बाद गंभीर सिंह ने अपने जीजा को कॉल किया, लेकिन उन्होंने आने से मना कर दिया. बाहर आने के बाद कहीं जाने के लिए उसके पास 300 रुपये थे जो साथी बंदियों ने दिए थे.
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6 क़त्ल और 2 फांसी…
बता दें कि जब जेल से कोई लंबे वक्त के बाद रिहा होता है तब कोई न कोई उसे लेने जरूर आता है. लेकिन गंभीर सिंह को लेने कोई नहीं आया क्योंकि उनपर एक रात में छह हत्या करने का आरोप था. छह कत्ल के लिए देश की दो-दो अदालतों ने उसे दो-दो बार फांसी की सजा भी सुनाई थी. वहीं ऐन मौत से पहले देश की सबसे बड़ी अदालत ना सिर्फ उसे फांसी की सज़ा से बचा लेती है, बल्कि सीधे बरी करने का हुक्म सुना देती है.