वाराणसी: लोहता में सरसो के खेत में मिले भैयालाल पटेल उर्फ भाईलाल के अधजले शव की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. अधजले शव का राजफाश करते हुए डीसीपी वरुणा जोन चंद्रकांत मीणा ने बताया कि पुलिस ने घटना में शामिल 4 आरोपियों को रिंग रोड खेवसीपुर ओवरब्रीज से गिरफ्तार किया है.
डीसीपी वरुणा जोन ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान डिहवा (कोटवा) लोहता निवासी अशरफ अली, अब्दुल कादिर उर्फ लालू, सुल्तान उर्फ टीपू और शकील उर्फ मुन्नू निवासी चौक बाजार (कोटवा) लोहता के रूप में हुई है.
शराब के पैसे नहीं देने पर किया कत्ल
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि 10 फ़रवरी की रात्रि में बरकत शाह बनारसी मजार के पास बैठकर मृतक भैयालाल पटेल उर्फ भाईलाल के साथ शराब सभी ने बैठकर पी थी. शराब पीने के दौरान आरोपियों ने भैयालाल पटेल उर्फ भाईलाल से और शराब लाने के लिये पैसे कि मांग की तो भैयालाल ने शराब के लिये पैसे देने से मना कर दिया. इसी बात को लेकर चारो आरोपियों ने मिलकर भैयालाल पटेल उर्फ भाईलाल को मारा पीटा तथा गढ्ढे में दीवार की तरफ गिरा दिया जिससे उसका सिर ईट से बनी दीवार में जा लगा और मौके पर ही उसकी मृत्यु हो गयी.
सबूत मिटाने के लिए सभी चारों ने मिलकर भैयालाल पटेल के शव को मुबारक अली के मकान के पीछे प्रदीप सिंह उर्फ बाबा के सरसो के खेत में घसीटते हुए ले जाकर फेंक दिया तथा उसके ऊपर बोरा व शराब डालकर जला दिया ताकि शव की शिनाख्त न हो सके और भैयालाल पटेल उर्फ भाईलाल कि मृत्यु का शक पड़ोस के घर वालों पर जा सके.
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गिरफ्तारी के लिए किया गया था चक्का जाम
डीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार अशरफ अली के ऊपर लोहता थाने में एनडीपीएस और आबकारी अधिनियम के साथ ही हत्या के कुल 5 मुकदमें है. दूसरे आरोपी अब्दुल कादिर उर्फ लालू के ऊपर पूर्व में कोई मुकदमें नहीं है, जबकि तीसरे सुल्तान उर्फ टीपू के ऊपर 2 मुकदमें और चौथे आरोपी शकील उर्फ मुन्नू के ऊपर भी दो मुकदमें दर्ज है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के विरुद्ध गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी. यह ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है. तीन बुनकरी का काम करते है जबकि एक साफ-सफाई का काम करता है.
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भैयालाल पटेल उर्फ भाईलाल का शव 11 फ़रवरी को सरसो के खेत में मिला था. सूचना मिलने के बाद परिजनों ने कोटवा में 5 घंटे तक चक्का जाम किया था. स दौरान भाजपा नेता बिपिन पांडेय और रोहनिया विधायक सुनील पटेल मौके पर पहुंचे और मृतक की पत्नी ऊषा देवी को उचित मुआवजा दिलाने का आश्वासन देकर चक्का जाम समाप्त कराया था. घटना के बाद से ही पुलिस हत्या के पीछे शराब का लत होने की आशंका व्यक्त कर रही थी.