कैश की किल्लतः कहां से निकाला गया ज्यादा कैश, होगी जांच

0

एटीएम में कैश (cash) की किल्लत को लेकर सवालों से घिरी केंद्र सरकार काफी सचेत हो गई है। सरकार न केवल एटीएम में कैश की किल्लत को जल्द दूर करने में जुट गई, बल्कि यह भी उपाय कर रही है कि आगे इस तरह की समस्या नहीं आए। इसके लिए सरकार ने अभी से पुख्ता इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं।

सप्लाइ का आकलन करेंगे और इसकी रिपोर्ट भेजेंगे

अब आरबीआई के सभी रीजनल ऑफिस हर माह अपने क्षेत्र में बैंक और एटीएम में कैश की मांग और सप्लाइ का आकलन करेंगे और इसकी रिपोर्ट भेजेंगे।इसके अलावा फाइनैंशल इंटेलिजंस यूनिट (एफआईयू) ने करीब 2166 एटीएम सेंटरों की जांच करेगी।

Also Read :  नाबालिगों से रेप मामले में मौत की सजा पर आज लग सकती है कैबिनेट की मुहर

ये वैसे सेंटर्स हैं जिनमें पिछले दिनों सबसे ज्यादा कैश निकाले गए हैं। एफआईयू अब यह जांच करेगी कि किन लोगों ने इन एटीएम सेंटरों से ज्यादा निकासी की। इसके पीछे कारण क्या था और क्यों इतना कैश निकाला गया?

I-T डिपार्टमें की मदद

इस जांच में इनकम टैक्स विभाग भी एफआईयू की मदद करेगा। सूत्रों के अनुसार सरकार को आशंका है कि बेशक कैश की डिमांड बढ़ी, लेकिन साथ में कुछ इस तरह का खेल खेला गया जिससे एटीएम में कैश की किल्लत + बढ़ जाए। यही कारण है कि सरकार अब इस बारे में पूरी जांच के साथ रिपोर्ट चाहती है ताकि असली कारण बाहर आ सकें।

जमाखोरी का शक

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पैसों की जमाखोरी के चलते एटीएम में कैश की कमी हुई है, इस बात की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। देश में अप्रैल के पहले 12-13 दिनों में ही 45,000 करोड़ रुपये निकाले जा चुके हैं जबकि सामान्यतः महीनेभर में 20,000 करोड़ रुपये की मांग हुआ करती है।

किसका हाथ?

सूत्रों के अनुसार उन लोगों पर पैनी नजर बनी हुई है जो मोटी रकम बैंक से लगातार निकाल रहे हैं और जो मोटी रकम के लेन-देन कर रहे हैं। इनपर इनकम टैक्स विभाग की नजर है। वहीं, एफआईयू इस बात की जांच करेगा कि इसके पीछे कुछ और लोगों के हाथ नहीं है। किसके कहने पर ऐसा किया जा रहा है और इसका इस्तेमाल किसलिए किया जा रहा है? अगर ऐसी कुछ गड़बड़ी पाई गई तो निश्चित तौर पर उनके खिलाफ आर्थिक अपराध के तहत कार्रवाई की जाएगी।

राजनीतिक मुद्दा बनने का डर

दरअसल, चुनावी दौर में सरकार किसी प्रकार का कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। कर्नाटक चुनाव के बाद चार राज्यों के चुनाव होने हैं। इसके बाद लोकसभा चुनाव होनेवाले हैं। ऐसे में अगर एटीएम में कैश की किल्लत का मामला लंबा खिंच गया तो यह एक राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। यही कारण है कि वित्त मंत्रालय ने आरबीआई से साफ तौर पर कहा है कि क्षेत्रीय स्तर यानी राज्य स्तर पर मांग और आपूर्ति की समीक्षा की जाए औ उसके अनुसार कैश की सप्लाइ बढ़ाई जाए। इस बारे में रिपोर्ट हर माह बनाई जाए।

NBT

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More