HDFC बैंक के एमडी सहित 16 अधिकारियों पर गबन का मुकदमा दर्ज

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एचडीएफसी बैंक के एमडी आदित्यपुरी सहित बैंक के 16 अधिकारियों के खिलाफ गबन का मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुष्पांजलि ग्रुप के निदेशक मयंक अग्रवाल ने मुकदमा दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि उनके बचत खाते से धोखाधड़ी करके 98.70 लाख रुपये निकाले गए थे। मुकदमा सीजेएम कोर्ट के आदेश पर यूपी में आगरा जिले के हरीपर्वत थाने में लिखा गया है।

मयंक अग्रवाल का आरोप है कि खाते से निकली रकम अभी तक ब्याज सहित वापस नहीं की गई है। रकम उस खाते से निकली थी, जिसे आयकर विभाग ने होल्ड कर रखा था। पुलिस ने मामला खोला था। बैंक के कर्मचारियों की मिलीभगत से रकम निकली थी। कर्मचारियों को पुलिस ने जेल भेजा था।

आगरा के हरिपर्वत थाने में दर्ज कराया गबन का मुकदमा

बता दें कि थाना जगदीशपुरा के प्रभुनगर निवासी मयंक अग्रवाल ने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। इसके बाद हरिपर्वत में मुकदमा दर्ज किया गया। उनके अधिवक्ता रवि गुप्ता ने बताया कि उनके पास बैंक अधिकारियों से किए गए पत्राचार और नोटिस की फाइल है। मुकदमे के लिए पहले पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया गया था, जहां सुनवाई न होने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। उन्होंने कहा कि बैंक में ग्राहक रकम को सबसे सुरक्षित मानता है, वहां से भी रकम निकल जाए और वापस नहीं मिले तो क्या करेगा।

एचडीएफसी

ये था पूरा मामला…

आरोप है कि उनके बचत खाते से फरवरी 2018 में 98.70 लाख रुपये निकल गए थे। यह रकम बाउचर पर कूटरचित हस्ताक्षर बनाकर निकाली गई थी, जबकि उस बैंक खाते को आयकर विभाग ने होल्ड पर रखा था, जिस खाते से खुद मयंक अग्रवाल भी रुपये नहीं निकाल सकते थे।

इस मामले में तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक ने केस का खुलासा किया था। इस मामले में पुलिस ने धर्मेंद्र सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, शुभम अग्रवाल, पूनम देवी व दिनेश को जेल भेजा था। एक आरोपी बैंक कर्मी था, जिसकी मिलीभगत से वारदात को अंजाम दिया गया था। आरोपियों के कब्जे से 58.20 लाख रुपये, एक चेन पीली धातु, कंप्यूटर मॉनिटर, सीपीयू और एक लैपटॉप बरामद किया था। पुलिस ने चार्जशीट लगाई थी। बरामद सामान और रकम आज भी हरीपर्वत थाने के मालखाने में जमा है, उसे रिलीज नहीं कराया गया।

ब्याज सहित रकम न लौटाई न थाने से रिलीज कराई

बैंक में कहने के बावजूद इस जब्त माल को कोर्ट से अवमुक्त नहीं कराया गया है। मयंक अग्रवाल का आरोप है कि खाते से रकम धोखाधड़ी करके निकाली गई, जो रकम बरामद हुई, उसे भी कोर्ट से आदेश कराकर बैंक ने रिलीज नहीं कराया। दो साल से वह बैंक से पत्राचार कर रहे हैं। कई नोटिस भेज चुके हैं, लेकिन बैंक ने ध्यान नहीं दिया।

मयंक अग्रवाल के मुताबिक, उन्होंने बैंक पर विश्वास करते हुए रकम जमा कराई थी। धोखाधड़ी करके निकाली गई रकम को वापस करने की जिम्मेदारी बैंक अधिकारियों की है। उनकी रकम ब्याज सहित खाते में वापस डालनी चाहिए थी। ऐसा नहीं किया गया, इसलिए उन्होंने यह मुकदमा दर्ज कराया है।

ये हैं मुकदमे में नामजद

मयंक ने गबन की धारा 409 के तहत मुकदमा लिखाया है। मुकदमे में एचडीएफसी बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर आदित्य पुरी, एडीशनल डायरेक्टर भावेश सी जावेरी, कंपनी सेक्रेट्री संतोष जी हलदनकर, एडीशनल डायरेक्टर संजीव संचार, डायरेक्टर श्यामला गोपीनाथ, होलटाइम डायेरक्टर कैजाद मानेक भरुचा, डायरेक्टर श्रीकांत नधामुनी, एडीशनल डायरेक्टर संदीप प्रवीन पारीख, डायरेक्टर मलय योगेंद्र पटेल, एडीशनल डायरेक्टर द्वारिकानाथ रंगनाथ, शशिधर जगदीशन, श्रीनिवासन बैधनाथन, तत्कालीन शाखा प्रबंधक, वर्तमान शाखा प्रबंधक, बैंक के सेनापति, उमेश चंद्र सारंगी को नामजद किया गया है।

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