जानिये कांग्रेस ने क्यों नोटबंदी से की लॉकडाउन की तुलना?

सोनिया ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिख उद्योगों के लिए मांगी राहत

0

कांग्रेस ने कोरोना लॉकडाउन की तुलना Demonetisation नोटबंदी से की है। इस बीच MSME सेक्टर की परेशानियों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है और इस सेक्टर के लिए मदद की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस सेक्टर का जीडीपी में योगदान एक तिहाई है और 11 करोड़ लोग काम करते हैं।

महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी में कटौती का विरोध

दूसरी ओर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को केंद्र सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते (डीए) की बढ़ोतरी में कटौती के फैसले का विरोध किया। सिंह ने कहा कि उन्होंने नहीं लगता कि इस समय में कटौती आवश्यक है। कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी एक वीडियो संदेश में मनमोहन सिंह, पार्टी पूर्व प्रमुख राहुल गांधी, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और कई अन्य शीर्ष नेताओं ने सरकार के फैसले पर निशाना साधा।

यह भी पढ़ें: पुलिस ने रोकी गाड़ी, BJP महिला नेता का गुस्सा सातवें आसमान पर

लॉकडाउन की तुलना Demonetisation से

कांग्रेस पार्टी ने कोरोना संकट से निपटने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन की तुलना नोटबंदी Demonetisation से की है। पार्टी ने कहा है कि जिस तरह Demonetisation बिना सोचे-समझे की गई, उसी तरह लॉकडाउन का ऐलान भी किया गया।

11 करोड़ नौकरी पर मंडरा रहा है खतरा

सोनिया गांधी ने कहा कि देश की जीडीपी में MSME सेक्टर का योगदान एक तिहाई से ज्यादा है और निर्यात में आधा से ज्यादा हिस्सेदारी है। इस सेक्टर में देश के कुल 11 करोड़ लोग काम करते हैं, जिनकी नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार से जरूरी मदद नहीं मिलती है तो 6.3 करोड़ MSME बर्बाद होने की कगार पर है। हर दिन इस सेक्टर को 30 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। MSME के पास सेल्स ऑर्डर नहीं रह गए हैं। रेवेन्यू घटकर शून्य पर पहुंच गया है जिसके कारण 11 करोड़ रोजगार पर खतरा है।

सोनिया गांधी के पांच सुझाव

1. उन्होंने सरकार से कहा कि सबसे पहले 1 लाख करोड़ का MSME वेज प्रोटेक्शन पैकेज की घोषणा की जानी चाहिए।

2. सरकार को इस सेक्टर को बचाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के क्रेडिट गारंटी फंड की भी घोषणा करनी चाहिए, क्योंकि इस सेक्टर को पर्याप्त कैपिटल की जरूरत है।

यह भी पढ़ें: ‘कोरोना-कर्मवीरों’ के लिए पुलिस ने खोला खजाना

3. रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी बैंक इस सेक्टर को आसानी से, पर्याप्त और समय पर लोन दें। MSME सेक्टर को गाइड करने के लिए और उनके सवालों को लेकर 24 घंटे वाली एक हेल्प लाइन नंबर जारी की जानी चाहिए।

4. इस सेक्टर के लिए रिजर्व बैंक को तीन महीने के मोराटोरियम पीरियड के अलावा भी राहत देना चाहिए, साथ ही सरकार को टैक्स माफी या टैक्स में कटौती के बारे में विचार करना चाहिए।
5. MSME सेक्टर के सामने हाई कोलैट्रल सिक्यॉरिटी की समस्या पहले से है जिसके कारण उन्हें लोन देने से मना कर दिया जाता था। सरकार को इस समस्या पर गंभीरत से विचार करने की जरूरत है।

इकॉनमी के लिए रीढ़ की हड्डी

सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि सरकार बार-बार यह कहती रही है कि MSME सेक्टर इकॉनमी के लिए रीढ़ की हड्डी है। ऐसे में समय आ गया है कि सरकार रीढ़ की हड्डी को मजबूत करे। यह ऐसा समय है जब समय पर लिए जाने वाले सही फैसले से परिस्थिति में काफी बदलाव संभव है।

यह भी पढ़ें: पुलिस लाइन में खाना बनाने वाला निकला कोरोना संक्रमित, 90 पुलिसकर्मी हुए क्वारंटाइन

Demonetisation

बिना तैयारी के लॉकडाउन का फैसला

दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लॉकडाउन की तुलना Demonetisation से की गई है। इस ट्वीट में कहा गया है कि इस तरह के फैसले अगर अचानक और बिना तैयारी के लिए जाते हैं तो इसका परिणाम बेहद गंभीर होता है। इसका केवल आर्थिक नुकसान ही नहीं होता है। Demonetisation की तरह ही लॉकडाउन का फैसला बिना प्लान के लिया गया जिसकी बहुत ज्यादा कीमत चुकानी होगी।

महंगाई भत्ते को रोकना नहीं था जरूरी

मनमोहन सिंह ने कहा, “हमें उन लोगों की तरफ होना चाहिए, जिनका डीए कट रहा है। मुझे पूरा विश्वास है कि यह आवश्यक नहीं है। यह सरकारी कर्मचारियों व सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिए कठिनाई बढ़ाने वाला कदम है।”

केंद्र सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों को डीए की अतिरिक्त किस्त का भुगतान करने और 1 जनवरी, 2020 से पेंशनभोगियों को मिलने वाली पेंशन महंगाई राहत (डीआर) को रोकने का फैसला किया है और ऐसे में कांग्रेस नेताओं की टिप्पणी अब दो दिन बाद समाने आई है।

सरकार बाहरी खर्चों में कटौती करे

राहुल गांधी ने भी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार बाहरी खर्चों में कटौती नहीं कर रही है।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “मैं देख रहा हूं कि समस्या यह है कि आप एक ही समय में अपने सेंट्रल विस्टा का निर्माण कर रहे हैं। इसलिए आप इस विवादास्पद खर्च को करने के लिए तैयार नहीं हैं। आप (सरकार) मध्यम वर्ग से पैसा ले रहे हैं, लेकिन गरीब लोगों को पैसा नहीं दे रहे और इसे सेंट्रल विस्टा पर खर्च कर रहे हैं।”

चिदंबरम ने अपने संदेश में कहा, “आप ने बुलेट ट्रेन और सेंट्रल विस्टा डेवलपमेंट के खर्च में कटौती नहीं की है। आपको (सरकार को) चाहिए था कि लोगों के महंगाई भत्ते को रोकने से पहले इन्हें रोकते।”

[better-ads type=”banner” banner=”104009″ campaign=”none” count=”2″ columns=”1″ orderby=”rand” order=”ASC” align=”center” show-caption=”1″][/better-ads]

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं। अगर आप हेलो एप्प इस्तेमाल करते हैं तो हमसे जुड़ें।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More