भीम आर्मी कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे थे जिग्नेश, जेल प्रशासन ने रोका
दलित नेता जिग्नेश मेवाणी गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर पहुंचे थे। जिग्नेश मुजफ्फरनगर जिला कारागार में बंद भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे थे। जेल प्रशासन ने उन्हें बाहर से ही रफा दफा कर दिया। जिग्नेश कार्यकर्ताओं से मिलने के तय समय के बाद पहुंचे थे। इसलिए जेल प्रशासन ने उन्हें भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं से मिलने नहीं दिया गया।
भीम आर्मी उत्तर प्रदेश से संचालित एक दलित संगठन है और उसके कार्यकर्ता यहां दो अप्रैल को हुई हिंसा के संबंध में मुजफ्फरनगर जिला कारागार में बंद हैं।
जेल अधीक्षक एके सक्सेना ने शुक्रवार को बताया कि मेवाणी गुरुवार शाम को मुलाकात करने के तय समय के बाद आए थे जिसके कारण उन्हें मिलने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने बताया कि विधायक विकास मेदुन, उपकार बावरा और अर्जुन कुमार से मिलने आए थे।
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बावरा दलित संगठन की जिला इकाई का अध्यक्ष है। सक्सेना ने बताया कि उन पर हिंसा के संबंध में सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। बता दें नवंबर में ही जेल से रिहा हुए भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा था कि अगर कांग्रेस दलित हितैषी होने का दावा करती हैं तो 2019 में गठबंधन करके देश का नेतृत्व बसपा सुप्रीमो मायावती को क्यों नहीं सौंप देती।
उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस दलित हितैषी है तो फिर उसे बहन जी को प्रधानमंत्री बनवाने में मदद करनी चाहिए। चंद्रशेखर ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी को हमारे पूर्वज कांशीराम ने बनाया था। मैं आज उन्हीं के बताए आदर्शों पर चल रहा हूं।
हालांकि मुझको तोड़ने के लिए मुकदमों में फंसाने की कोशिश की जा रही है। मायावती द्वारा बीजेपी के हाथों खेलने वाले आरोपों पर चंद्रशेखर ने कहा कि वे बहुजन समाज की सबसे बड़ी नेता हैं। उन्हें गुमराह किया गया है कि हम समाज को बांट रहे हैं। भीम आर्मी सामाजिक आंदोलन चला रही है। इससे किसी को डरने की जरूरत नहीं है। नाम के साथ ‘रावण’ का नाम जोड़ने और हटाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरे मतदाता पहचान पत्र पर रावण नहीं लिखा है।
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