समाजवादी पार्टी और बीएसपी गठबंधन के लिए है इस दिन का इंतजार!

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उत्तर प्रदेश में महागठबंधन को समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव अक्‍सर चर्चा में बनाए रखते हैं ।जबकि बहुजन समाज पार्टी इस मसले पर अपने को परेशान नहीं दिखाना चाहती। इसके पीछे शायद बीएसपी सुप्रीमो मायावती की सोची समझी रणनीति है।

वह यह दिखाना चाहती हैं कि गठबंधन की ज्यादा जरूरत समाजवादी पार्टी को है। मायावती भविष्य में क्या करेंगी, यह देखना दिलचस्‍प होगा। उधर, राजनीतिक हलकों में ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि मायावती अपने जन्मदिन पर गठबंधन को लेकर कोई संदेश दे सकती हैं। दरअसल, बहुजन समाज पार्टी के अजेंडे में मायावती के जन्मदिन का बहुत महत्व होता है।

मायावती का जन्मदिन 15 जनवरी को पड़ता है। इस बार उनके जन्मदिवस पर अन्य राजनीतिक दलों की भी निगाहें रहेंगी क्योंकि ऐसी चर्चा है कि वह इस दिन महागठबंधन का ऐलान कर सकती हैं। हलांकि अभी यह बात पुख्ता तौर पर नहीं कही जा सकती लेकिन फिर भी ऐसी चर्चा है कि मायावती गठबंधन को लेकर कोई संदेश दे सकती हैं।

मायावती गठबंधन को लेकर हमेशा से यह कहती रही हैं कि सम्मानजनक स्थिति पर ही वह समझौता करेंगी। अब देखना यह होगा कि माया अपने जन्मदिन के मौके पर गठबंधन को लेकर क्या संदेश देती हैं। सियासी पंडितों की मानें तो जन्मदिवस पर मायावती अभी कुछ ऐसी घोषणा करने वाली नहीं हैं क्योंकि अभी कोई भी ऐसी बैठक नहीं हुई जिसमें सीटों को लेकर चर्चा हुई हो।

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उन्‍होंने कहा कि अभी कौन कहां से लड़ेगा, यह भी पता नहीं है। बीएसपी-एसपी गठबंधन को लेकर चर्चाएं ही चल रही हैं, लेकिन दोनों पार्टियों की तरफ से इस पर स्थिति अभी पूरी तरह से साफ नहीं की गई है। कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा, यही नहीं अगर गठबंधन हुआ तो बीएसपी, एसपी के अलावा और कौन सी पार्टियां साथ होंगी, गठबंधन में कांग्रेस की स्थिति क्या होगी, इन सब मुद्दों पर चर्चा होना अभी बाकी है।

विश्‍लेषकों के मुताबिक प्रदेश में हाल में कई छोटे दल भी लोकसभा चुनाव तक एक आकार लेते दिख रहे हैं। शिवपाल यादव की पार्टी हो या राजा भैया या फिर अनुप्रिया पटेल की पार्टी, यह लोग किस ओर रुख करते हैं, यह भी मायने रखेगा। हालांकि मायावती बहुत समझदार नेता हैं। जब तक पूरी बात तय ना हो जाए वह गठबंधन पर निर्णय नहीं लेंगी। जन्मदिवस के अवसर राजनीतिक दलों की निगाहें जरूर रहेंगी लेकिन, अभी गठबंधन की घोषणा होना जल्दबाजी होगी। ऐसा कोई डिवेलपमेंट इन-दिनों होता नहीं दिखा है।

उन्‍होंने कहा कि मायावती जल्दबाजी दिखाने के चक्कर में नहीं है। जैसी कि उनकी अभी तक की कार्यशैली रही है, वह अपने को एसपी से ऊपर रखना चाहती हैं। उन्होंने गठबंधन को लेकर कोई लचक नहीं दिखाई है। लचक तो अखिलेश ही दिखा रहे हैं। वह चाहती हैं कि एसपी उनकी बी टीम के रूप में दिखाई दे। वह पहले भी कह चुकी हैं कि ना वह किसी की बुआ हैं ना कोई उनका भतीजा है। मायावती अपने को सर्वमान्य मानती हैं क्योंकि भविष्य में अगर मौका मिलेगा तो वह प्रदेश की मुख्यमंत्री बनना चाहेंगी।

बताया जा रहा है कि मायावती जनवरी के पहले सप्ताह में राजधानी लखनऊ पहुंच जाएंगी। जन्मदिन के मौके पर वह दलित मूवमेंट ऑफ मायावती पुस्तक यानी ब्लू बुक का विमोचन भी करती हैं। उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाता है। इस मौके पर वह पार्टी और संगठन के लोगों को संदेश देती हैं। इस बार उनका जन्मदिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पड़ रहा है। ऐसे में बहुत सारे राजनीतिक हलकों में यह जन्मदिवस चर्चा में है।

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