नक्शे से गायब देश- क्या आप किसी ऐसे राष्ट्र की कल्पना कर सकते हैं, जो पूरी तरह एक व्यक्ति के दिमाग़ की उपज हो और उसके घर से संचालित हो ?
जब हम दुनिया का नक्शा देखते हैं, तो हमें लगता है कि हर देश की सीमाएं साफ़-साफ़ तय हैं, और हर राष्ट्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है. लेकिन क्या यह सच है कि दुनिया के कई हिस्सों में ऐसे भी क्षेत्र मौजूद हैं जो अपने आपको देश मानते हैं, अपनी सरकारें चलाते हैं, अपनी मुद्राएं जारी करते हैं और यहां तक कि अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए सेना भी रखते हैं. मगर कोई उन्हें आधिकारिक तौर पर नहीं मानता. यह लेख आपको ऐसी ही जगहों पर ले जाएगा, जिनका कोई आधिकारिक वजूद तो नहीं, मगर वे असल में हैं.
Transnistria- एक अनदेखा सोवियत द्वीप
1990 के दशक की शुरुआत में जब सोवियत संघ का पतन हुआ, तो मोल्दोवा भी एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया. दूसरी ओर इसके पूर्वी छोर पर बसे ट्रांसनिस्ट्रिया के लोगों ने इस बदलाव को स्वीकार नहीं किया. वे खुद को मोल्दोवा का हिस्सा नहीं मानते थे और 1992 में अपनी स्वतंत्रता की घोषणा कर दी. यह छोटा-सा क्षेत्र आज भी सोवियत मानसिकता में जकड़ा हुआ है. यहां लेनिन की मूर्तियां खड़ी हैं, पुरानी सोवियत शैली की इमारतें हैं जहां रूसी प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखता है. हालांकि ट्रांसनिस्ट्रिया की अपनी मुद्रा, सेना और सरकार है मगर इसे कोई देश मान्यता नहीं देता. इसकी अर्थव्यवस्था रूस की मदद और कुछ हद तक अवैध व्यापार पर निर्भर है. यहां के लोग ट्रांसनिस्ट्रियाई पासपोर्ट रखते हैं, मगर दुनिया इसे कोई पहचान नहीं देती.
Somaliland- बिना मान्यता का एक पूरा राष्ट्र
1991 में जब सोमालिया गृह युद्ध की चपेट में आया, तो इसके उत्तरी हिस्से, सोमालिलैंड ने खुद को एक अलग देश घोषित कर दिया. यहां लोकतांत्रिक चुनाव होते हैं, कानून-व्यवस्था कायम है, और आर्थिक रूप से यह क्षेत्र काफी स्थिर है. सोमालिलैंड का पासपोर्ट कुछ देशों में मान्य है, मगर आधिकारिक रूप से इसे वैश्विक पहचान नहीं मिली है. यह देश मान्यता के लिए संघर्ष कर रहा है, मगर दुनिया इसे अनदेखा किए बैठी है.
Abkhazia- काले सागर का विवादित स्वर्ग
काले सागर के किनारे बसा अबखाज़िया, कभी जॉर्जिया का हिस्सा था. लेकिन सोवियत संघ के टूटने के बाद यहां अलगाववादियों ने विद्रोह कर दिया और 2008 में रूस ने इसे स्वतंत्र मान लिया. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र और दुनिया के ज्यादातर देश अबखाज़िया को जॉर्जिया का ही भाग मानते हैं. यहाँ की अर्थव्यवस्था रूस की सहायता पर निर्भर है और पर्यटन यहां का मुख्य व्यवसाय है. अबखाज़ियाई पासपोर्ट केवल कुछ गिने-चुने देशों में मान्य है, मगर रूस इसका सबसे बड़ा समर्थक बना हुआ है.
Sealand- दुनिया का सबसे छोटा “देश”
इंग्लैंड के समुद्री किनारे पर एक पुराना किला खड़ा है, जो दुनिया के सबसे छोटे “देश” के रूप में जाना जाता है. 1967 में ब्रिटिश नागरिक पैडी रॉय बेट्स ने इस छोड़े गए समुद्री किले पर कब्जा कर इसे सीलैंड नाम दिया. उसने खुद को “प्रिंस ऑफ सीलैंड” घोषित किया और यहां अपनी सरकार बना ली. हालांकि यह केवल एक छोटे-से प्लेटफॉर्म पर स्थित है, मगर सीलैंड अपनी मुद्रा, झंडा और पासपोर्ट जारी करता है. इसकी अर्थव्यवस्था ऑनलाइन पासपोर्ट और नागरिकता बेचने पर टिकी है. हालांकि, कानूनी रूप से इसे कोई देश नहीं मानता.
Ladonia- कला से बना एक देश
स्वीडन के भीतर स्थित लाडोनिया की कहानी बिल्कुल अनोखी है. यह 1996 में तब अस्तित्व में आया, जब एक कलाकार ने इसे कला और स्वतंत्रता का प्रतीक मानते हुए इसे ” राष्ट्र ” घोषित कर दिया. हालांकि यहां कोई स्थायी नागरिक नहीं रहता, मगर यह दुनिया भर के कलाकारों के लिए एक प्रेरणास्रोत बना हुआ है.
Bir Tawil- दुनिया का “No man’s land”
मिस्र और सूडान की सीमा पर एक ऐसा इलाका है, जिस पर कोई देश दावा नहीं करता. यह इलाका इतना निर्जन और बंजर है कि इसे कोई अपने देश में शामिल करना ही नहीं चाहता. कई लोगों ने यहां अपने खुद के देश बनाने की कोशिश की, मगर यह अब भी किसी भी राष्ट्र की सीमाओं से परे खड़ा है.
Republic of Molossia- एक आदमी का देश
अमेरिका के नेवादा राज्य में स्थित मोलोसिया दुनिया के सबसे दिलचस्प “micronations” में से एक है. यह 1977 में अस्तित्व में आया, जब एक अमेरिकी नागरिक Kevin Baugh ने अपने घर और उसके आसपास के इलाके को “मोलोसिया” घोषित कर दिया. यह मज़ाक में शुरू हुआ था मगर अब इसे गंभीरता से लिया जाने लगा है. मोलोसिया में प्याज, पालक और कैटफिश पर प्रतिबंध है. यहां अपनी मुद्रा, झंडा और सरकारी नियम है.
Republic of Užupis- कलाकारों का देश
लिथुआनिया की राजधानी विल्नियस में एक छोटा-सा इलाका है, जिसे उज़ुपिस कहते हैं. यह 1997 में कलाकारों और कवियों द्वारा एक मज़ाक के रूप में स्वतंत्र देश घोषित किया गया था. यहां अपनी सरकार, संविधान और प्रतीकात्मक पासपोर्ट हैं. यह स्थान आज भी संस्कृति और स्वतंत्रता का प्रतीक बना हुआ है.
नक्शों से परे की दुनिया
दुनिया सिर्फ वही नहीं जो नक्शों पर दर्ज है. कई “गायब हुए देश” ऐसे भी हैं, जो अपने तरीके से मौजूद हैं, अपनी संस्कृति, सरकार और पहचान के साथ.
तो अगली बार जब आप दुनिया का नक्शा देखें, तो याद रखें – कुछ देश दिखते नहीं, लेकिन होते ज़रूर हैं.
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