जेट फ्यूल दरों में कटौती, क्या हवाई यात्रा सस्ती हो जाएगी?…

ATF LPG Price Cut: देश में कल से नया वित्त वर्ष 2025- 26 शुरू हो गया है. वहीँ, नए वित्तीय वर्ष में में तेल कंपनियों ने लोगों को बड़ी राहत दी है. कंपनियों ने एयरलाइंस में इस्तेमाल होने वाली फ्यूल एटीएफ यानी एविएशन टर्बाइन फ़्यूल और कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम घटा दिए हैं.एटीएफ की कीमत 5,870.50 रुपये प्रति किलोलीटर घट गई है. कीमतों में कटौती से हवाई यात्रा सस्ती होने की उम्मीद जताई जा रही है.

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हवाई सफर सस्ता होगा या नहीं…

लेकिन सब के बीच सवाल यह है कि, क्या फ्लाइट्स के फ्यूल प्राइस में कटौती होने के बाद हवाई सफर सस्ता होगा या नहीं…तो आपको बता दें कि यह लगातार दूसरे महीने में देखने को मिला है. वो भी ऐसे समय पर जब कुछ हफ्तों के बाद देश में समर वैकेशन शुरू हो जाएंगे और लोगों की ओर से वैकेशन सेलीब्रेट करने के लिए ऐसे इलाकों के लिए निकेंगे जहां पर ठंड हो. ऐसा देखने को मिल सकता है. वास्तव में एयरलाइंस कंपनियों का कैरियर ऑपरेशन के कुल कॉस्ट में सबसे बड़ी हिस्सेदारी फ्यूल की करीब 40 फीसदी होती है. जिसकी कीमतों का असर फ्लाइट्स की टिकटों पर भी देखने को मिलता है.

कितना सस्ता हो सकता है हवाई सफर?

रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली में डॉमेस्टिक फ्लाइट्स के लिए जेट फ्यूल की कीमत में 5,870 रुपये प्रति किलोलीटर की कमी आई है, जो एयरलाइंस कंपनियों के लिए लागत को काफी हद तक कम कर सकती है. इसके अलावा, कोलकाता में जेट फ्यूल की कीमत 97,588 रुपये प्रति किलोलीटर से घटकर 91,921 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है,

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वहीं मुंबई में यह 89,070 रुपये से घटकर 83,575 रुपये प्रति किलोलीटर रह गई है. चेन्नई में भी इस कीमत में 6,064 रुपये प्रति किलोलीटर की गिरावट आई है. इन घटती कीमतों का सबसे बड़ा फायदा यात्रियों को टिकटों के रूप में मिल सकता है, क्योंकि एयरलाइंस आमतौर पर ईंधन के लागत में कमी का कुछ हिस्सा यात्रियों को देती हैं. हालांकि, अभी यह कहना मुश्किल है कि टिकटों की कीमतों में कितनी गिरावट आएगी, क्योंकि एयरलाइंस अपनी रणनीतियों के आधार पर कीमतें तय करती हैं.

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क्या उम्मीदें हैं?

हालांकि यह कहना मुश्किल है कि यह कमी पूरी तरह से यात्रियों तक पहुंचेगी या नहीं, फिर भी यह एक संकेत है कि आने वाले समय में हवाई यात्रा की लागत कम हो सकती है. यदि एयरलाइंस कंपनियां इस कटौती को अपनी लागत में समाहित करती हैं, तो इसका फायदा यात्रियों को टिकटों की कीमतों में भी नजर आ सकता है. अब यह देखना होगा कि एयरलाइंस कंपनियां इन नई कीमतों के आधार पर अपने टिकटों के दाम तय करती हैं या नहीं.

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इस बीच, एयरलाइंस कंपनियों के लिए यह समय अपने ऑपरेशन की लागत को कम करने और यात्रियों को अधिक सस्ती यात्रा की सुविधा देने का हो सकता है. एयरलाइन इंडस्ट्री और यात्रियों की नजर अब इस पर है कि क्या एयरलाइंस कंपनियां इस गिरावट का फायदा यात्रियों को देती हैं और क्या हम हवाई यात्रा की कीमतों में और भी कमी देखेंगे