पढ़िए, कितने करोड़पति हैं ये ‘माननीय’

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विधान परिषद चुनाव में निर्विरोध चुने जा रहे भाजपा संगठन से आए उम्मीदवार हों या अपनी छोड़ी हुई सीट पाने वाले पुराने माननीय, सभी करोड़पति हैं।  आइये विधान परिषद चुनाव के हलफनामे के अनुसार जानते हैं कौन है कितना अमीर किसके पास से गाड़ी बंगला और जायदाद है। लखनऊ के गोखले मार्ग स्थित पर्ल कोर्ट निवासी 50 वर्षीय भाजपा उम्मीदवार विजय बहादुर पाठक के पास दो राईफल और एक रिवाल्वर है।

पत्नी के पास चार करोड़ 89 लाख 82495 रुपये की संपत्ति है

खुद उनके पास 466 ग्राम सोने के आभूषण जबकि पत्नी के पास 726 ग्राम सोने के गहने हैं। विजय बहादुर पाठक के पास कुल पांच करोड़ 68 लाख रुपये से ज्यादा तथा पत्नी के पास 63 लाख 7878 रुपये की चल संपत्ति है। पाठक के पास स्वार्जित चार करोड़ 19 लाख 29557 तथा पत्नी के पास चार करोड़ 89 लाख 82495 रुपये की संपत्ति है। इस तरह पत्नी समेत पाठक के पास कुल 15 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। उम्मीदवारों में सर्वाधिक अमीर वही हैं।

बरसरा खालसा गांव में कृषि योग्य भूमि है

पाठक पर राजधानी के हजरतगंज कोतवाली में हत्या के प्रयास और लोक संपत्ति निवारण अधिनियम समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज है। उनके और उनकी पत्नी के पास आजमगढ़ के निजामाबाद क्षेत्र के बरसरा खालसा गांव में कृषि योग्य भूमि है। गोखले मार्ग स्थित पर्लकोर्ट और हजरतगंज के जापलिंग रोड स्थित इमराल्ड कोर्ट का फ्लैट पत्नी के नाम हैं। विजय बहादुर खुद तो कर्जदार नहीं हैं लेकिन उनकी पत्नी ने लखनऊ के ग्रामीण बैंक आफ आर्यावर्त शाखा से 28 लाख 72 हजार और आजमगढ़ के फूलपुर की एसबीआइ शाखा से एक लाख 39 हजार रुपये का कर्ज लिया है।

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उन्होंने दुर्गावती देवी से 37 लाख 48 हजार रुपये व्यक्तिगत कर्ज लिया है। पत्नी कुल 68 लाख 75 हजार 143 रुपये की देनदार हैं। विजय बहादुर ने वर्ष 1995 में लखनऊ के विद्यांत हिन्दू डिग्री कालेज से स्नातक किया। पाठक के पास चार पहिया चार वाहन जबकि पत्नी के नाम एक वाहन है।विधान परिषद में भाजपा के उम्मीदवार अशोक धवन वाराणसी के करोड़पति कारोबारी है। सिल्क की साडिय़ों का उनका कारोबार है और कई कंपनियों में उनके शेयर हैैं। उन्होंने अपनी और पत्नी की चल संपत्ति डेढ़ करोड़ से अधिक की दिखाई है। इसके अलावा अचल संपत्ति भी करोड़ों में है।

धवन के पास 72 लाख 30 हजार की संपत्ति है

अशोक धवन के पास एक कार हुंडई आइ-10 है। खुद उनके पास 203.610 ग्राम सोना है। इसके अलावा तीन लाख रुपये का हीरा है। पत्नी के पास 11 सौ ग्राम सोना और दस लाख के हीरे हैं। पत्नी के पास 89 लाख 43 हजार की चल संपत्ति और अशोक धवन के पास 72 लाख 30 हजार की संपत्ति है। अचल संपत्तियों में सारनाथ में 758.58 वर्ग मीटर जमीन जिसका मूल्य डेढ़ करोड़ रुपये और रथयात्रा में 128 वर्गमीटर का मकान जिसका बाजार मूल्य एक करोड़ 87 लाख है।

डॉ. अग्रवाल के पास अपनी कोई कार नहीं है

इसके अलावा विरासती संपत्तियां हैैं। इंटर पास धवन के ऊपर कोई मुकदमा नहीं है। 2017-18 के आयकर रिटर्न में उन्होंने अपनी आय तीन करोड़ 42 लाख 71 हजार 250 रुपये प्रदर्शित की है।समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में आईं डॉ. सरोजिनी अग्रवाल के पास 13.24 करोड़ से अधिक की चल-अचल संपत्तियां हैं। करोड़ों की संपत्ति की मालकिन डॉ. अग्रवाल के पास अपनी कोई कार नहीं है। उनके पति के पास भी केवल एक मारुति वैगनार कार है।आभूषणों की शौकीन डॉ. अग्रवाल के पास 11.29 करोड़ के सोने के जेवर हैं।

मेरठ व नोएडा में दो फ्लैट हैं

हीरे के जेवरों का भी उन्हें बेहद शौक है। उनके पास 5.80 लाख रुपये के हीरे के जेवर हैं। सरोजिनी अग्रवाल के पति के पास भी करीब तीन लाख रुपये के जेवर मौजूद हैं। डॉ. अग्रवाल के पास कुल चल संपत्ति 1.98 करोड़ की है जबकि उनके पति के पास 2.89 करोड़ की है।  डॉ. अग्रवाल के पास मेरठ में चार व उनके पति के पास तीन प्लॉट हैं। उनके पास मेरठ व नोएडा में दो फ्लैट हैं। कुल अचल संपत्ति को देखा जाए तो उनके पास 5.78 करोड़ की है। इसी प्रकार उनके पति के पास भी 4.59 करोड़ की हैं।

शिक्षिका पत्नी के पास एक दुनाली बंदूक है

उन्होंने 1969 में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज दिल्ली से एमबीबीएस किया था। वे एमडी गायनोकोलॉजी हैं। उनके पति भी डॉक्टर हैं।क्रिकेट खिलाड़ी रहे राज्यमंत्री मोहसिन रजा के पास तो एक रिवॉल्वर है, जबकि उनकी शिक्षिका पत्नी के पास एक दुनाली बंदूक है। विधान परिषद निर्वाचन के लिए भाजपा प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र के साथ दाखिल हलफनामे के मुताबिक करीब छह महीने में रजा की संपत्ति भी 11 लाख रुपये से अधिक बढ़ गई है।

पेंशन के तौर पर प्रतिमाह 15,559 रुपये मिलते हैैं

रजा ने करीब छह महीने पहले विधान परिषद के ही नामांकन के समय अपने हलफनामे में चल संपत्ति के तहत अपने पास 22.86 लाख रुपये और पत्नी के पास 31.65 लाख रुपये होने की जानकारी दी थी। सोमवार को हलफनामे में उन्होंने बताया कि अब उनके पास करीब 25 लाख और पत्नी के पास 41 लाख रुपये हैैं। 50 वर्षीय रजा ने वर्ष 2016-17 में अपनी वार्षिक आय 3.94 लाख और पत्नी की आय 2.69 लाख रुपये दिखाई थी। उन पर लखनऊ के वजीरगंज थाने में धारा 323, 504 व 336 में मुकदमा भी दर्ज है। रजा को वीआरएस पेंशन के तौर पर प्रतिमाह 15,559 रुपये मिलते हैैं, जबकि राज्यमंत्री के तौर पर मासिक बेसिक आय 40 हजार रुपये महीना है।

450 ग्राम सोना और दो किलोग्राम चांदी है

वह कक्षा आठ तक शिक्षित हैैं। उनके पास एक फॉच्र्यूनर कार व स्कूटी है, जबकि पत्नी के पास इनोवा है। पत्नी के पास 6.50 लाख रुपये कीमत का 22 तोला सोना भी है।भाजपा उम्मीदवार विद्यासागर सोनकर असलहों के साथ ही जेवर के भी शौकीन हैं। उनके पास एक रायफल और एक रिवाल्वर के अलावा 75 ग्राम सोने के जेवर हैं जबकि पत्नी के पास भी 450 ग्राम सोना और दो किलोग्राम चांदी है। सोनकर ने पत्नी रेखा के अलावा अपनी आश्रित सौम्या, महिमा, आस्था और देवांश का भी ब्यौरा शपथपत्र में दाखिल किया है। उन पर कोई मुकदमा नहीं है। 56 वर्षीय विद्यासागर सोनकर जौनपुर जिले के सदर क्षेत्र के मोहल्ला सुक्खीपुर निवासी हैं।

सोने के अलावा लाखों की चल संपत्ति है

गोरखपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध जौनपुर के महाविद्यालय से एलएलबी और बीएड की शिक्षा ली है। सोनकर पेट्रोल पंप के साथ ही सफारी स्टोर्म, ट्रक के मालिक हैं जबकि पत्नी के पास होंडा स्कूटी और दो टाटा एसीई है। एक आश्रित के पास स्कूटी एक्टिवा भी है। उनके पास 21 लाख 52 हजार, पत्नी के पास 44 लाख 36 हजार की चल संपत्ति है जबकि आश्रितों के पास भी सोने के अलावा लाखों की चल संपत्ति है। सोनकर के पास पांच करोड़ 50 लाख रुपये की स्वार्जित संपत्ति है। सोनकर के पास सुक्खीपुर आराजी, सुक्खीपुर हरखपुर और जमीन अब्दुल खैर में कृषि भूमि है।

पत्नी के नाम से मऊ में आवासीय भूखंड है

उनके पास पांच बीघा जमीन है। उनका सुक्खीपुर में आवासीय भवन भी है।मदनमोहन मोहन इंजीनियरिंग कालेज गोरखपुर से बैचलर आफ इंजीनियर 58 वर्षीय भाजपा उम्मीदवार यशवंत सिंह पर कोई आपराधिक मुकदमा नहीं है लेकिन, वह बैंक व वित्तीय संस्थाओं के 22 लाख 41 हजार रुपये के कर्जदार हैं। यशवंत मऊ जिले के अल्देमऊ निवासी हैं। उनके पास मऊ और लखनऊ के गोमतीनगर और पत्नी के नाम से मऊ में आवासीय भूखंड है। यशवंत गहनों के शौकीन नहीं हैं लेकिन पत्नी के पास 550 ग्राम सोने के आभूषण हैं। उनके पास कोई निजी वाहन भी नहीं है।

क्षेत्र में नौ अलग-अलग कृषि योग्य भूखंड है

पर उनके पास 30 बोर की पिस्टल के अलावा 12 बोर की बंदूक और 315 बोर की राईफल है। यशवंत ने विधान परिषद के नामांकन में अपने शपथ पत्र में यह घोषणा की है। यशवंत के पास 33 लाख 68 हजार 26 रुपये की चल संपत्ति जबकि पत्नी के पास 12 लाख 77 हजार 356 रुपये की है। उनके पास खुद अर्जित की गई दो करोड़ 54 लाख 25 हजार 151 रुपये तथा पत्नी की 55 लाख 20 हजार रुपये की संपत्ति है जबकि विरासत की 79 लाख 91 हजार रुपये की संपत्ति है। उनके पास आजमगढ़ सदर तहसील और मऊ के मुहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र में नौ अलग-अलग कृषि योग्य भूखंड है। पत्नी के नाम से भी भूखंड है। यशवंत के पास छह गैर कृषि भूखंड भी है।बिजनौर जिले के हिमपुर प्रथ्या निवासी भाजपा उम्मीदवार 44 वर्षीय अशोक कटारिया रुहेलखंड विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में परास्नातक हैं।

जो मामले दर्ज हैं वह राजनीतिक आंदोलन के हैं

कटारिया पर छह आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं जिनका न्यायालय ने संज्ञान लिया लेकिन चार्ज फ्रेम नहीं हो सका। अशोक पर वर्ष 2000 से बरेली के भोजीपुरा थाना क्षेत्र में सरकारी कामकाज में व्यवधान समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। उन पर बिजनौर, मुजफ्फरनगर और लखनऊ में मुकदमे दर्ज हैं। कटारिया पर जो मामले दर्ज हैं वह राजनीतिक आंदोलन के हैं। कटारिया पर धर्म के आधार पर नफरत फैलाने के भी मुकदमे दर्ज किये गये हैं। ऐसे तीन मामलों में उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय से स्थगनादेश ले रखा है। अशोक के पास दो लाख 63 हजार रुपये तथा पत्नी के पास 19 लाख 39 हजार रुपये की चल संपत्ति है जबकि पांच लाख 74 हजार 425 रुपये की अचल संपत्ति है।

आय 2.92 करोड़ रुपये से अधिक दिखाई गई थी

उनके पास हिमपुर प्रथ्या में कृषि योग्य जमीन है। कटारिया किसी के कर्जदार नहीं है।नवाबी शान की निशानी यानि लखनऊ के शीशमहल को अपने पते के तौर पर दर्ज करने वाले बुक्कल नवाब के पास चल-अचल संपत्ति के तौर पर तो करोड़ों रुपये हैैं। सुरक्षा के लिए रिवॉल्वर भी है, लेकिन कोई वाहन नहीं है। विधान परिषद सदस्य के नामांकन पत्र के साथ दाखिल हलफनामे में उन्होंने यह ब्योरा दिया है। हालांकि पिछले शपथपत्र के मुकाबले छह साल में उनकी आय तो घटकर 10 फीसद से भी कम रह गई, जबकि संपत्ति दोगुनी हो गई। भाजपा प्रत्याशी के तौर पर 64 वर्षीय बुक्कल नवाब ने वित्तीय वर्ष 2016-17 में उन्होंने अपनी वार्षिक आय करीब 25.60 लाख रुपये दिखाई है, जबकि वर्ष 2012-13 के हलफनामे के मुताबिक आयकर रिटर्न में उनकी आय 2.92 करोड़ रुपये से अधिक दिखाई गई थी।

1.78 करोड़ रुपये से अधिक रकम है

बुक्कल की संपत्ति छह साल पहले करीब 6.27 करोड़ रुपये थी, जो इस बीच बढ़कर दोगुने से अधिक 12.81 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। उनके पास बैंक में 1.20 लाख रुपये और उनकी पत्नी के नाम एक लाख रुपये नकद जमा हैं, जबकि विभिन्न बैंक खातों व ज्वेलरी के तौर पर बुक्कल के पास 22.63 लाख रुपये और पत्नी के पास 1.78 करोड़ रुपये से अधिक रकम है।कृषि, गैर कृषि, वाणिज्यिक व आवासीय संपत्तियों को मिलाकर दोनों पति-पत्नी के पास कुल करीब 2.80 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी है। अन्य सभी मद मिलाकर बुक्कल व पत्नी के पास कुल करीब 12.81 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति है। कक्षा नौ तक की शिक्षा प्राप्त करने वाले बुक्कल नवाब पर किसी बैंक या संस्था का कोई बकाया नहीं है।

चौक में एक भवन के साथ मुंबई में आवास है

उनकी पत्नी के पास तो 400 ग्राम सोने और एक किलो चांदी के आभूषण हैं, जबकि बुक्कल के पास केवल 100 ग्राम चांदी की अंगूठी व चेन है। जियामऊ में उनके पास 24 एकड़ कृषि भूमि है, जबकि पत्नी के पास सहारागंज मॉल में दुकान है। बुक्कल के पास शीशमहल के अलावा चौक में भूमि है, जबकि पत्नी के पास भी चौक में एक भवन के साथ मुंबई में आवास है। लखनऊ के वजीरगंज थाने में बुक्कल पर एक मुकदमा भी दर्ज है।योगी सरकार में ग्राम्य विकास राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. महेन्द्र कुमार सिंह की छह साल में ढाई गुना से अधिक संपत्ति बढ़ गई।

मात्र 10.97 लाख की ही चल संपत्ति थी

इस समय उनकी कुल चल-अचल संपत्ति 2.16 करोड़ है। जबकि वर्ष 2012 के विधान परिषद चुनाव के समय उनकी कुल संपत्ति 84.68 लाख रुपये थी। करोड़ों के मालिक डॉ. महेन्द्र सिंह के पास 15 साल पुरानी केवल एक मारुति जेन कार है। डॉ. सिंह के पास एक रायफल व एक रिवाल्वर है। कुल चल संपत्ति 84.62 लाख रुपये है। छह साल पहले उनके पास मात्र 10.97 लाख की ही चल संपत्ति थी। उनकी पत्नी गीता सिंह के पास 19.23 लाख रुपये, बेटे मानवेन्द्र के पास 7.89 व बेटी मोहिनी के पास 8.61 लाख रुपये की संपत्तियां हैं। अचल संपत्तियों में भी डॉ. सिंह का इजाफा हुआ है। उनके पास इस समय 28 लाख रुपये की संपत्तियां हैं। जबकि उनकी पत्नी के पास 68 लाख रुपये की संपत्तियां हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक, परास्नातक व पीएचडी करने वाले डॉ. महेन्द्र सिंह के खिलाफ एक भी आपराधिक मुकदमा नहीं है। उनके ऊपर किसी भी प्रकार की कोई देनदारियां भी नहीं हैं।

दैनिक जागरण

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