यूपी के इस गांव के सौ परिवारों ने पलायन का किया ऐलान

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यूपी के मेरठ जिले के एक गांव के करीब सौ परिवारों ने पलायन का ऐलान कर दिया है। मेरठ के लिसाड़ी गांव के कई लोगों ने प्रशासन पर एकतरफा कर्रवाई का आरोप लगाते हुए गांव से पलायन करने का ऐलान कर दिया है। लोगों ने अपने घरों के बाहर पलायन और मकान बिकाऊ के पोस्टर लगा दिए है। पलायन की बात से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

करीब 100 से अधिक घरों ने यहां से पलायन करने का फैसला

दरअसल मेरठ में गांव लिसाड़ी में दो सम्प्रदाय के लोगों के बीच 21 जून को बाइक की टक्कर को लेकर विवाद हुआ था। लोगों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में एक पक्ष के दो लोगों पर कार्यवाही करते हुए जेल भेज दिया और दूसरे पक्ष को थाने से ही छोड़ दिया। पुलिस की इस एकतरफ़ा करवाई से परेशान दूसरे पक्ष के लोगों ने अपने घरों के बाहर “ये मकान बिकाऊ है, यहां छोटी-छोटी बातों पर साप्रदायिक विवाद बनते हैं”, के पोस्टर चस्पा कर दिये और गांव के करीब 100 से अधिक घरों ने यहां से पलायन करने का फैसला कर लिया है।

इनकी पुलिस प्रशासन से मांग की है या तो वो उनके यह मकान खरीद ले या दूसरे सम्प्रदाय के लोग उनके मकान खरीद लें ताकि यह लोग कहीं और जाकर शांति से रह सकें। पीड़ित हनीफ कहते हैं कि ये ऐलान उन्होंने मजबूरी में किया है।

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नहीं तो हमारे यहां भाईचारे का इतिहास था। 1987 में जब मेरठ सुलग रहा था तो भी यहां सब ठीक था। कुछ सालों में यहां ऐसे तत्व आए हैं, जिन्होंने हमारे बीच फूट डालने का काम किया है।

आसानी से मामला शांत कराया जा सकता था

छोटे-छोटे विवादों को इन्होंने साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की। हनीफ ने कहा कि 21 जून को दुकान में बाइक टकरा गई। जिसे साम्प्रदायिक रंग दिया गया। प्रशासन ने एकपक्षीय कार्रवाई की। हमारी एफआईआर तक भी नहीं लिखी जा रही है। वहीं पीड़ित फरजाना कहती हैं कि हमें इंसाफ नहीं मिल रह है, लिहाजा हम पलायन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों का विवाद था, चाहे हमारा हो या उनका, दोनों के बीच आसानी से मामला शांत कराया जा सकता था लेकिन विवाद को इतना बड़ा बना दिया गया।

बच्चों की लड़ाई को हिन्दू मुस्लिम बना लिया

एकतरफा कार्रवाई है। फरजाना ने कहा कि यहां जितने परिवार हैं, सभी पलायन करना चाहते हैं। हमें कोई सुरक्षा नहीं है। फरजाना ने कहा कि हमें इंसाफ चाहिए। सिर्फ हमारे बच्चों के खिलाफ ही कार्रवाई क्यों की गई। वहीं इमराना कहती हैं कि बच्चों की लड़ाई को हिन्दू मुस्लिम बना लिया। सभी ने समझाने की कोशिश की लेकिन ये नहीं माने। हम लिसाड़ी में रहकर अपने आपको सुरक्षित नहीं मान रहे हैं।

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