World Happiness Report: खुशहाली के पैमाने पर भारत ने इस साल सुधार दर्ज किया है और World Happiness index में 118वें स्थान पर पहुंच गया है. हालांकि, भारत अभी भी अपने कई पड़ोसी देशों से पीछे है, जिसमें नेपाल और पाकिस्तान भी शामिल हैं. वहीं, अमेरिका की प्रसन्नता में गिरावट आई है और वह 24वें स्थान पर पहुंच गया है. इस साल भी फिनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश बना हुआ है.
खुशहाली के पैमाने पर भारत की स्थिति
World Happiness Report 2025 के अनुसार, भारत ने पिछले साल की तुलना में आठ स्थानों का सुधार किया है और अब 118वें स्थान पर है. इस रिपोर्ट को वेलबीइंग रिसर्च सेंटर और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार किया गया है, जिसमें कुल 147 देशों को शामिल किया गया. इस इंडेक्स में देशों की खुशहाली को केवल उनकी आर्थिक संपन्नता से नहीं आंका जाता, बल्कि यह देखा जाता है कि लोग कितने मददगार, दयालु और सामाजिक रूप से सक्रिय हैं.
भारत ने दानशीलता के मामले में 57वीं रैंक हासिल की है, जबकि स्वेच्छा से किसी कार्य में भाग लेने के मामले में 10वीं रैंक मिली है. किसी अजनबी की मदद करने के मामले में भारत 76वें स्थान पर रहा.
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भारत के पड़ोसी देश और उनकी रैंकिंग
इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत अभी भी कुछ पड़ोसी देशों से पीछे है. नेपाल (92वीं रैंक) और पाकिस्तान (109वीं रैंक) की स्थिति भारत से बेहतर है. वहीं, श्रीलंका (133वीं) और बांग्लादेश (134वीं) रैंक के साथ भारत से नीचे हैं. अफगानिस्तान को इस साल भी दुनिया का सबसे अप्रसन्न देश घोषित किया गया है.
युद्धग्रस्त देशों की अप्रत्याशित रैंकिंग
रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि युद्धग्रस्त फलस्तीन (108वीं रैंक) और यूक्रेन (111वीं रैंक) भी खुशहाली के पैमाने पर भारत से आगे हैं. यह इस बात का संकेत है कि खुशी केवल आर्थिक या राजनीतिक स्थिरता पर निर्भर नहीं करती, बल्कि सामाजिक ताने-बाने और सामुदायिक सहयोग भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
दुनिया के सबसे खुशहाल और अप्रसन्न देश
फिनलैंड लगातार आठवें वर्ष दुनिया का सबसे खुशहाल देश बना हुआ है. इसके बाद डेनमार्क, आइसलैंड, स्वीडन और इजरायल शीर्ष पांच देशों में शामिल हैं. दूसरी ओर, दुनिया के सबसे कम खुशहाल देशों में अफगानिस्तान, सिएरा लियोन, लेबनान, जॉर्डन और मलावी शामिल हैं.
अमेरिका और ब्रिटेन की गिरती रैंकिंग
इस साल अमेरिका की प्रसन्नता दर अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है और वह 24वें स्थान पर आ गया है. यह एक बड़ी गिरावट मानी जा रही है, क्योंकि 2012 में अमेरिका 11वें स्थान पर था. इसी तरह, ब्रिटेन भी इस बार 23वें स्थान पर रहा, जो पिछले वर्षों की तुलना में नीचे है.