बच्चे के काले रंग से महिला को नफरत, पत्थर से रगड़ती थी बेटे का शरीर
पुलिस और चाइल्ड लाइन ने मिलकर एक 5 वर्षीय बच्चे को बचाया है। चाइल्ड लाइन को सूचना मिली थी कि बच्चे(child) को जिस महिला ने गोद लिया है, वह उसे गोरा करने के लिए उसके शरीर को पत्थर से घिस रही थी। चाइल्ड लाइन को यह सूचना महिला की बड़ी बहन की बेटी ने दी थी। महिला ने बच्चे को उत्तराखंड से गोद लिया था।
पेशे से स्कूल टीचर है आरोपी महिला
शिकायतकर्ता शोभना शर्मा ने बताया कि आरोपी सुधा तिवारी पेशे से एक सरकारी स्कूल में टीचर हैं। उन्होंने इस बच्चे को उत्तराखंड स्थित मातृछाया से करीब डेढ़ साल पहले गोद लिया था। महिला का पति एक प्राइवेट हॉस्पिटल में काम करता है।
गोरा करने के लिए बच्चे के शरीर को पत्थर से रगड़ती थी महिला
शोभना ने बताया, ‘महिला जिस दिन से बच्चे को भोपाल लाई थी, उस दिन से उसे बच्चे के काले रंग से दिक्कत थी। उसने बच्चे का काफी इलाज कराया। करीब एक साल पहले उसे किसी ने सलाह दी कि बच्चे को काले रंग के पत्थर से घिसा जाए, तो वह गोरा हो सकता है। इसके बाद महिला ने बच्चे के शरीर को काले रंग के पत्थर से घिसना शुरू कर दिया। इससे बच्चे की कलाई, कंधे, पीठ और पैरों में घाव हो गए।’
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इलाज के बाद बच्चे को चाइल्ड लाइन भेजा गया
बच्चे को मुक्त कराने के बाद उसे हमीदिया हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे चाइल्ड लाइन भेज दिया गया। सोमवार को बच्चे को चाइल्ड वेलफेयर कमिशन के सामने पेश किया जाएगा। शोभना ने बताया कि नियम के मुताबिक गोद लेने के बाद मातृछाया को बच्चे की हाल-खबर लेते रहना चाहिए था, मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने बताया, ‘मैंने सुधा को कई बार रोकने की कोशिश की, मगर तब भी उसने बच्चे को टॉर्चर करना बंद नहीं किया। इसके बाद मेरे सामने चाइल्ड लाइन और पुलिस के पास जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा था।’
चाइल्ड लाइन की डायरेक्टर अर्चना सहाय ने कहा, ‘जब बच्चे को महिला से बचाया गया, तो वह बेहद बुरी हालत में था। उसके पूरे शरीर पर घाव थे। बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाया गया था।’ उधर बाल आयोग की सदस्य और मातृछाया की जॉइंट सेक्रटरी अमिता जैन ने कहा, ‘हम फोन के जरिए बच्चे का हाल-चाल लेते रहते थे।